दो समाक्षी परिनालिकाओं में, प्रत्येक से $I$ धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है। यदि, बाहरी परिनालिका के कारण, भीतरी परिनालिका पर चुम्बकीय बल $\overrightarrow{ F }_{1}$ तथा भीतरी परिनालिका के कारण, बाहरी पारिनालिका पर चुम्बकीय बल $\overrightarrow{ F }_{2}$ हो तो

  • [JEE MAIN 2015]
  • A

    $\overrightarrow{ F }_{1}$ भीतर की ओर व अरीय (त्रिज्य) है और $\overrightarrow{ F }_{2}$ बाहर की और अरीय है।

  • B

    $\overrightarrow{ F }_{1}$ भीतर की ओर व अरीय है तथा $\overrightarrow{ F }_{2}=0$

  • C

    $\overrightarrow{ F }_{1}$ बाहर की ओर व अरीय है तथा $\overrightarrow{ F }_{2}=0$

  • D

    $\overrightarrow {{F_1}}  =\overrightarrow {\;{F_2}} =0$

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एक कमानीदार तुला के कुचालक हैंगर की सहायता से एक $a$ भुजा वाले वर्ग को लटकाया गया है। $B$ तीव्रता का चुम्बकीय क्षेत्र चित्रानुसार केवल वर्ग की निचली भुजा पर कार्यरत है। वर्गाकार लूप में प्रवाहित धारा $I$ है तब धारा की दिशा परिवर्तित करने पर तुला के पाठ्यांक में परिवर्तन है

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