एक अनन्त लंबाई का धारावाहक तार तथा एक छोटा-सा धारावाहक पाश कागज के समतल में चित्रानुसार रखे हैं। पाश की त्रिज्या $a$ तथा तार से इसके केंद्र की दूरी $d$ है $( d \gg a )$ । यदि पाश द्वारा तार पर बल $F$ है तो $:$
$F = 0$
$F \propto \left( {\frac{a}{d}} \right)$
$F \propto \left( {\frac{a^2}{d^3}} \right)$
$F \propto {\left( {\frac{a}{d}} \right)^2}$
एक अनन्त लम्बा सरल रेखीय तार $AB$ स्थिर है, एवं इसमें धारा प्रवाहित हो रही है। एक अन्य निश्चित लम्बाई का गतिमान तार $CD$, $AB$ के लम्बवत् स्थित है एवं इसमें चित्र में दिखाये अनुसार धारा प्रवाहित हो रही है। यदि तार $CD$ का भार नगण्य है, तो
दो लम्बे, सीधे, समान्तर तारों के बीच की दूरी $d$ है। इनसे $I _{1}$ तथा $I _{2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं ( जिनके मान समायोजित किये जा सकते हैं) यदि इन तारों के बीच प्रतिकर्षण होने पर इनके बीच बल $' F '$ को 'धनात्मक' तथा इन के बीच आकर्षण होने पर बल $F$ को ऋणात्मक माना जाय तो, $I _{1}$ तथा $I _{2}$ के गुणनफल $\left( I _{1} I _{2}\right)$ पर ' $F ^{\text {' }}$ के निर्भर होने को कौन सा ग्राफ ठीक (सही) दर्शाता है ?
दो समान्तर तार एक दूसरे से $1$ मीटर-दूरी पर रखे हैं, इनमें $1\;A$ धारा प्रवाहित होती है। प्रति एकांक लम्बाई पर आकर्षण बल होगा
दो लम्बे तार स्वतन्त्रापूर्वक लटके हैं। यदि इन्हें पहले समान्तर-क्रम में, फिर श्रेणीक्रम में जोड़कर एक बैटरी से जोड़ा जाये तो दोनों दशा में दोनों तारों के बीच कैसा बल लगेगा
दो तार $1$ व $2$ एक दूसरे के साथ चित्रानुसार $\theta $ कोण पर झुके हुए हैं एवं इनमें क्रमश: ${i_1}$ व ${i_2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं। तार $1$ से $r$ दूरी पर स्थित चालक $2$ के अल्पांश $dl$ पर लगने वाला बल (तार $1$ के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण) है