हीलियम नाभिक ($a$-कण) $0.8$ मीटर त्रिज्या के वृत्त में $2$ सैकण्ड में एक चक्कर पूर्ण करता है। वृत्त के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा
$\frac{{{{10}^{ - 19}}}}{{{\mu _0}}}$
${10^{ - 19}}{\mu _0}$
$2 \times {10^{ - 10}}{\mu _0}$
$\frac{{2 \times {{10}^{ - 10}}}}{{{\mu _0}}}$
$X$ और $Y$ दो कुंडलियों के केन्द्रों पर, जिनमें समान धारा प्रवाहित हो रही है, चुम्बकीय क्षेत्रों का मान क्रमशः $B _{ X }$ एवं $B _{ Y }$ है। यदि कुंडली $X$ के घेरों की संख्या $200$ और त्रिज्या $20\,cm$ एवं कुंडली $Y$ के घेरों की संख्या 400 और त्रिज्या $20\,cm$ है, तो $Bx$ तथा $By _y$ का अनुपात होगा :
$PQRS$ समरूप चालक तार से बना हुआ एक वर्गाकार लूप है। चित्रानुसार बिन्दु $P$ पर धारा प्रवेश करती है तथा $S$ से बाहर निकलती है। तब चुम्बकीय क्षेत्र होगा
$100\,cm$ त्रिज्या वाले वृत्ताकार धारावाही घेरे, जिसमें $I \equiv \sqrt{2} A$ की धारा प्रवाहित है, के अक्ष पर घेरे के केन्द्र से $1\,m$ की दुरी पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा :
$A$ और $B$ दो संकेन्द्रीय वृत्ताकार चालक हैं, जिनका केन्द्र $O$ है एवं इनमें प्रवाहित धारायें ${i_1}$ व ${i_2}$ हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। यदि इनकी त्रिज्याओं का अनुपात $1 : 2$ एवं केन्द्र $O$ पर $A$ और $B$ के कारण उत्पन्न चुम्बकीय फ्लक्स घनत्वों का अनुपात $1:3$ है तब ${i_1}/{i_2}$ का मान है
तार की एक वृत्ताकार कुंडली में $100$ फेरे हैं, प्रत्येक की त्रिज्या $8.0 \,cm$ है और इनमें $0.40 \,A$ विध्यूत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण क्या है?