चालक तार से बने एक असमतलीय लूप में $I$ धारा प्रवाहित हो रही है। इसे चित्रानुसार रखा गया है। लूप के प्रत्येक सीधे भाग की लम्बाई $2\, a$ है। इस लूप के कारण बिन्दु $P$ $(a,0,a)$ पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा है

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  • [IIT 2001]
  • A

    $\frac{1}{{\sqrt 2 }}( - \mathop {\hat j + \hat k}\limits^{} )$

  • B

    $\frac{1}{{\sqrt 3 }}( - \hat j + \hat k + \hat i)$

  • C

    $\frac{1}{{\sqrt 3 }}(\hat i + \hat j + \hat k)$

  • D

    $\frac{1}{{\sqrt 2 }}(\hat i + \hat k)$

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“विद्युत प्रवाह का चुम्बकीय प्रभाव” खोजा था

दो एकसमान तार $A$ व $B$ प्रत्येक की लम्बाई $'l',$ में समान धारा $I$ प्रवाहित है। $A$ कों मोड़कर $R$ त्रिज्या का एक वृत्त और $B$ को मोड़कर भुजा $'a'$ का एक वर्ग बनाया जाता है। यदि $B_{A}$ तथा $B_{B}$ क्रमश: वृत के केन्द्र तथा वर्ग के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र हैं, तब अनुपात $\frac{B_{A}}{B_{B}}$ होगा:

  • [JEE MAIN 2016]

दो बहुत लम्बे, सीधे तथा विधुत रोधी तारों को एक दूसरे से $90^{\circ}$ कोण पर चित्रानुसार $x y$-समतल में रखा है। तारों में एकसमान धारा I, चित्र में दिखायी दिशा में, बह रही है। बिन्दु $P$ पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र होगा :

  • [JEE MAIN 2019]

संलग्न चित्र में केन्द्र $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी

  • [IIT 1988]

लम्बाई $L$ के दो एकसमान चालक तारों में से एक को वृत्ताकार वलय की आकृति में लाया जाता है तथा दूसरे को $N$ एकसमान फेरों की वृत्ताकार कुंडली में मोड़ा जाता है। यदि दोनों से एक ही धारा प्रवाहित की जाती है, तो वलय तथा कुण्डली के केन्द्रों पर उपस्थित चुम्बकीय क्षेत्र, क्रमश: $B _{ L }$ तथा $B _{ C }$ हों, तब अनुपात $\frac{ B _{ L }}{ B _{ C }}$ होगा।

  • [JEE MAIN 2019]