किसी वस्तु को पृथ्वी तल से $h$ ऊँचाई पर ले जाने पर $m$ द्रव्यमान की वस्तु का भार $1\%$ घट जाता है। यदि इसी वस्तु को पृथ्वी तल से $h$ गहराई पर ले जाया जाये तो इसका भार
$2\%$ घटेगा
$0.5\%$ घटेगा
$1\%$ बढ़ेगा
$0.5\%$ बढ़ेगा
यदि पृथ्वी का कोणीय वेग दोगुना कर दिया जाए तो उत्तरी ध्रुव पर g का मान
एक ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का $\frac{1}{10}$ वाँ भाग है तथा इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का आधा है। उस ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण है:
यदि पृथ्वी की त्रिज्या सिकुड़कर वर्तमान की आधी रह जाए जबकि द्रव्यमान नियत रहे तब गुरुत्वीय त्वरण का नया मान होगा
पृथ्वी की त्रिज्या $6400\; km$ तथा मंगल ग्रह की त्रिज्या $3200\; km$ है। पृथ्वी का द्रव्यमान मंगल ग्रह के द्रव्यमान का लगभग $10$ गुना है।। एक पिण्ड का पृथ्वी सतह पर भार 200 N है।मंगल की सतह पर इसका वजन होगा
पृथ्वी की सतह से ऊँचाई $h$ पर एक पिण्ड का भार उतना ही है जितना सतह से उतनी ही गहराई $h$ पर । $h$ का मान है।
$( R =$ पृथ्वी की त्रिज्या, पृथ्वी के घूर्णन का भार पर प्रभाव नगण्य मानें) :