एक ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का $\frac{1}{10}$ वाँ भाग है तथा इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का आधा है। उस ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण है:
$9.8 \mathrm{~m} \mathrm{~s}^{-2}$
$4.9 \mathrm{~m} \mathrm{~s}^{-2}$
$3.92 \mathrm{~m} \mathrm{~s}^{-2}$
$19.6 \mathrm{~m} \mathrm{~s}^{-2}$
चन्द्रमा पर गुरुत्वजनित त्वरण, पृथ्वी पर गुरुत्वजनित त्वरण का $\frac 16$ वाँ भाग है। यदि पृथ्वी और चन्द्रमा के घनत्व का अनुपात $\left( {\frac{{{\rho _e}}}{{{\rho _m}}}} \right) = \frac{5}{3}$ हो, तब पृथ्वी की त्रिज्या $({R_e})$ के पदों में चन्द्रमा की त्रिज्या ${R_m}$ होगी
पृथ्वी को एकसमान घनत्व का गोला मानते हुए पृथ्वी तल से $100$ किलोमीटर की गहराई पर एक खदान में गुरुत्वीय त्वरण का मान ........ $m/{s^2}$ होगा
पृथ्वी की सतह से लगभग ऊँचाई जहाँ किसी वस्तु का भार पृथ्वी की सतह पर इसके भार का $\frac{1}{3}$ गुना हो जाता है, ....... $km$ होगी [पृथ्वी की त्रिज्या $R =6400\,km$ तथा $\sqrt{3}=1.732]$
पृथ्वी का द्रव्यमान अपरिवर्तित रहते हुये यदि त्रिज्या $2\% $ कम हो जाए तब, इसकी सतह पर स्थित वस्तु का भार
पृथ्वी की सतह के ध्रुवों पर गुरूत्वीय त्वरण $'g'$ है तथा ध्रुवों से जाने वाली अक्ष के सापेक्ष पृथ्वी की कोणीय चाल $\omega$ है। एक वस्तु का भार भूमध्य रेखा पर तथा ध्रुवों से $'h'$ ऊँचाई पर एक कमानीदार तुला द्वारा नापा गया। यदि दोनों भारों का मान बराबर पाया जाता है, तब ऊँचाई $h$ का मान होगा : $( h << R$, जहाँ $R$ पृथ्वी की त्रिज्या है)