दो लम्बे, सीधे, समान्तर तारों के बीच की दूरी $d$ है। इनसे $I _{1}$ तथा $I _{2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं ( जिनके मान समायोजित किये जा सकते हैं) यदि इन तारों के बीच प्रतिकर्षण होने पर इनके बीच बल $' F '$ को 'धनात्मक' तथा इन के बीच आकर्षण होने पर बल $F$ को ऋणात्मक माना जाय तो, $I _{1}$ तथा $I _{2}$ के गुणनफल $\left( I _{1} I _{2}\right)$ पर ' $F ^{\text {' }}$ के निर्भर होने को कौन सा ग्राफ ठीक (सही) दर्शाता है ?

  • [JEE MAIN 2015]
  • A
    822-a818
  • B
    822-b818
  • C
    822-c818
  • D
    822-d818

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$4.0 \mu \mathrm{C}$ का एक आवेश $(2 \hat{\mathrm{k}}) \mathrm{T}$ की तीव्रता के एक चुंबकीय क्षेत्र $\vec{B}$ के अन्तर्गत $y$-अक्ष की धनात्मक दिशा के अनुदिश $4.0 \times 10^6$ मी./से. के वेग से गति कर रहा है। आवेश पर लगने वाला बल $x \hat{i} \mathrm{~N}$ है। $x$ का मान . . . . . .है।

  • [JEE MAIN 2024]

चित्र में दिखाई गई आयताकार कुण्डली पर परिणामी बल है

एक सीधे धारावाही चालक में $5A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। एक इलेक्ट्रॉन चालक के समान्तर $0.1$ मीटर की दूरी पर $5 \times {10^6}\,m{s^{ - 1}}$ की चाल से गति कर रहा है, इस पर लगने वाला बल है

एक ही दिशा में गतिमान दो इलेक्ट्रॉन पुंजों के बीच कार्यरत बल

दो लम्बे, समान्तर, ताँबे के तारों में $5\, A$ की धारा विपरीत दिशाओं में बह रही है। यदि तार एक दूसरे से $0.5$ मीटर के अन्तराल पर स्थित है तब इनके बीच बल है