एक ही दिशा में गतिमान दो इलेक्ट्रॉन पुंजों के बीच कार्यरत बल

  • A

    आकर्षण एवं कागज तल में है

  • B

    प्रतिकर्षण  एवं कागज तल में है

  • C

    कागज तल के लम्बवत् ऊपर की ओर है

  • D

    कागज तल के लम्बवत् नीचे की ओर है

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एक त्रिभुजाकार तार जिसमें $10\,A$ मान की धारा प्रवाहित हो रही है, इसको $0.5\,T$ मान के किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। $CD$ भाग पर आरोपित चुम्बकीय बल का मान $............\,N$ हैं (दिया है $BC = CD = BD =5\,cm$ ).

  • [JEE MAIN 2022]

दो बहुत लम्बे, सरल रेखीय, समानान्तर चालक $A$ एवं $B$ एकदूसरे से $10\,cm$ की दूरी पर रखे हैं, जिनमें क्रमशः $5\,A$ एवं $10\,A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। दोनों चालकों में धारा की दिशा समान है। चालकों के बीच प्रति इकाई लम्बाई पर लगने वाला बल है :$\left(\mu_0=4 \pi \times 10^{-7}\right.$ $SI$ मात्रक)

  • [NEET 2022]

प्रदर्शित चित्र में दो लम्बे सीधे तारों में समान धारा विपरीत दिशा में प्रवाहित होती है। तारों के बीच की दूरी $5.0$ सेमी. है। तारों के मध्य एक बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण . . . . . . . . $\mu \mathrm{T}$ है।

(दिया है : $\mu_0=4 \pi \times 10^{-7} \mathrm{TmA}^{-1}$ )

  • [JEE MAIN 2024]

चित्र में दिखाई गई आयताकार कुण्डली पर परिणामी बल है

दो बहुत लम्बे सीधे एवं समान्तर तारों में से स्थायी धारा $I$ तथा $-I$ बह रही है तारों के बीच की दूरी $d$ है। किसी क्षण पर एक आवेश $q$ दोनों तारों से समान दूरी पर है एवं आवेश तारों के तल में है। आवेश का तात्क्षणिक वेग $v$ इस तल के लम्बवत् है। इस क्षण पर चुम्बकीय क्षेत्र के कारण आवेश पर लगने वाले बल का परिमाण होगा

  • [IIT 1998]