$4.0 \mu \mathrm{C}$ का एक आवेश $(2 \hat{\mathrm{k}}) \mathrm{T}$ की तीव्रता के एक चुंबकीय क्षेत्र $\vec{B}$ के अन्तर्गत $y$-अक्ष की धनात्मक दिशा के अनुदिश $4.0 \times 10^6$ मी./से. के वेग से गति कर रहा है। आवेश पर लगने वाला बल $x \hat{i} \mathrm{~N}$ है। $x$ का मान . . . . . .है।
$12$
$78$
$85$
$32$
$1.5\, m$ लम्बे तार में $10$ ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। $2$ टेसला के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर इस पर $15$ न्यूटन का बल लगता है। चुम्बकीय क्षेत्र और धारा की दिशा के बीच का कोण.......$^o$ होगा
एक लम्बे तार $A$ में $10$ ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। एक अन्य लम्बे तार $B$ में, जो $A$ से समान्तर है और जिसकी $A$ से दूरी $ 0.1$ मीटर है, $5$ ऐम्पियर की धारा $A$ के विपरीत दिशा में प्रवाहित हो रही है। $B$ के प्रति इकाई लम्बाई पर बल कितना और किस प्रकार का होगा $({\mu _0} = 4\pi \times {10^{ - 7}}$ वेबर/ऐम्पियर-मीटर)
एक इलेक्ट्रॉन पुंज को दायीं ओर क्षैतिज दिशा में प्रक्षेपित किया जाता है। एक सीधे धारावाही चालक को इलेक्ट्रॉन पुंज के समान्तर एवं इसके ऊपर रखा गया है। यदि चालक में धारा बायी ओर से दायीं ओर है तब
दो समांतर लंबे तार जिनमें प्रत्येक में $xA$ विद्युत धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है, एक दूसरे से $0.20\,m$ की दूरी पर रखे हैं। यदि प्रत्येक तार की एकांक लम्बाई पर आकर्पण बल $2 \times 10^{-6} N$ है, तो $x$ का मान लगभग होगा-
एक मीटर लम्बे तार को $1.5$ टेसला के चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय क्षेत्र से ${30^o}$ के कोण पर रखा गया है। यदि तार में $10\, A$ की धारा प्रवाहित हो रही हो तो तार पर लगने वाला बल.......$N$ है