ताँबे तथा एल्यूमीनियम के दो एकसमान चालक एकसमान विद्युत क्षेत्र में रखे हैं। ऐल्यूमीनियम पर प्रेरित आवेश का परिमाण होगा

  • [AIIMS 1999]
  • A

    शून्य

  • B

    ताँबे से ज्यादा

  • C

    ताँबे के बराबर

  • D

    ताँबे से कम

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$10\, cm$ त्रिज्या वाले एक चालक गोले को $10\,\mu \,C$  आवेश दिया गया है। $20\, cm$ त्रिज्या वाले अनावेशित दूसरे गोले को इससे स्पर्श कराते हैं। कुछ समय पश्चात् यदि गोलों को अलग-अलग कर दिया जाये तब गोलों पर पृष्ठ आवेश घनत्वों का अनुपात होगा

  • [AIIMS 2002]

एक समान रूप से आवेशित $5\,mm$ और $10\,mm$ त्रिज्याओं वाले दो गोलीय चालक $A$ और $B$, एक-दूसरे से $2\,cm$ की दूरी पर रखें हैं। यदि दोनों गोलीय पिण्डों को एक चालक तार से जाड़ दिया जाता है, तो साम्यावस्था में गोलीय पिण्ड $A$ और $B$ के पृष्ठों पर उपस्थित विद्युत क्षेत्रों के परिमाणों का अनुपात होगा:

  • [JEE MAIN 2022]

पृथ्वी का विद्युत विभव शून्य माना जाता है क्योंकि पृथ्वी एक

  • [AIIMS 1998]

चित्र में दर्शाए अनुसार एक धनात्मक आवेश $q$ को एक अनावेशित खोखले बेलनाकार चालक कोश (neutral hollow cylindrical conducting shell) के केंद्र पर रखा गया है । निम्नांकित में से कौन-सा चित्र बेलन की सतहों पर प्रेरित आवेशों को सही निरूपित करता है। (बेलन के किलारों के प्रभाव को अनदेखा कीजिए)

  • [KVPY 2017]

यदि धातु के ठोस गोले को कुछ आवेश दिया जाता है तो, धातु के अन्दर विद्युत् क्षेत्र शून्य होता है। गॉस (Gauss) के नियम के तहत, आवेश गोले के सतह पर ही स्थित रहता हैं | अब यदि यह मान लें कि दो आवेशों के बीच का कूलाम्बिक बल (Coulomb's force) $1 / r^3$ के हिसाब से बदलता है, तब आवेशित धातु के गोले के अन्दर

  • [KVPY 2017]