पारे की $64$ एकसमान छोटी-छोटी बूँदे, जिनमें प्रत्येक पर आवेश $Q$ एवं त्रिज्या $r$ है, मिलकर एक बड़ी बूँद बनाती है। प्रत्येक छोटी बूँद के पृष्ठ आवेश घनत्व एवं बड़ी बूँद के पृष्ठ आवेश घनत्व का अनुपात है
$1:64$
$64:1$
$4:14$
$1:4$
नीचे दो कथन दिए गए हैं :
कथन$-I :$ विद्युत विभव का मान, किसी धातु के अन्दर एवं उसकी सतह पर नियत रहता है।
कथन$-II :$ किसी आवेशित धातु के बाहर, विद्युत क्षेत्र, धातु के तल के प्रत्येक बिन्दु पर, तल के लम्बवत् होता है।
उपरोक्त कथनों के आधार पर, नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें।
चार धात्विक चालकों की निम्न आकृतियाँ हैं
$1.$ गोला $2.$ बेलन
$3.$ नाशपाती आकार $3.$ तड़ित चालक
यदि इन्हें एक कुचालक आधार पर रखकर आवेशित किया जाये तो किस पर लम्बे समय तक आवेश रहेगा
ताँबे तथा एल्यूमीनियम के दो एकसमान चालक एकसमान विद्युत क्षेत्र में रखे हैं। ऐल्यूमीनियम पर प्रेरित आवेश का परिमाण होगा
एक खोखले गोलाकार आवेशित चालक के मध्य विभव है
एक $a$ त्रिज्या वाले ठोस गोलीय चालक पर कुल घनावेश $2Q$ है। एक गोलीय चालक कोश जिसकी आन्तरिक त्रिज्या $b$ तथा बाहरी त्रिज्या $c$ है, पर कुल आवेश $ - Q$ है। यह ठोस गोले के साथ संकेन्द्रीय रखा है। गोलीय कोश के आन्तरिक तथा बाह्य पृष्ठों पर पृष्ठीय ओवश घनत्व होंगे