यदि धातु के ठोस गोले को कुछ आवेश दिया जाता है तो, धातु के अन्दर विद्युत् क्षेत्र शून्य होता है। गॉस (Gauss) के नियम के तहत, आवेश गोले के सतह पर ही स्थित रहता हैं | अब यदि यह मान लें कि दो आवेशों के बीच का कूलाम्बिक बल (Coulomb's force) $1 / r^3$ के हिसाब से बदलता है, तब आवेशित धातु के गोले के अन्दर
विद्युत क्षेत्र शून्य होगा, और आवेश घनत्व भी शून्य होगा ।
विद्युत क्षेत्र एवं आवेश घनत्व दोनों अशून्य होंगे ।
विद्युत क्षेत्र अशून्य तथा आवेश घनत्व शून्य होगा ।
विद्युत क्षेत्र शून्य तथा आवेश घनत्व अशून्य होगा ।
$5\, cm$ एवं $10\, cm$ त्रिज्यायों वाले दो चालक गोले हैं। इनमें से प्रत्येक को का आवेश देकर इनको एक चालक तार द्वारा जोड़ दिया जाता है। जोड़ने के पश्चात् छोटे गोले पर आवेश ......$\mu C$ होगा
प्रत्येक त्रिज्या $0.02\,m$ तथा प्रत्येक $5\,\mu C$ आवेशवाही चौसठ चालक बून्दे, संयोजित होकर एक बड़ी बून्द का निर्माण करती है। बड़ी बूँद के सतही घनत्व तथा छोटी बूँद के सतही घनत्व का अनुपात होगा-
ताँबे तथा एल्यूमीनियम के दो एकसमान चालक एकसमान विद्युत क्षेत्र में रखे हैं। ऐल्यूमीनियम पर प्रेरित आवेश का परिमाण होगा
किसी चालक के पृष्ठ पर प्रति इकाई क्षेत्रफल आवेश $q$ है तो पृष्ठ के किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता होगी
$(a)$ किसी चालक $A$ जिसमें चित्र $(a)$ में दर्शाए अनुसार कोई कोटर / गुहा (Cavity) है, को $Q$ आवेश दिया गया है। यह दर्शाइए कि समस्त आवेश चालक के बाह्य पुष्ठ पर प्रतीत होना चाहिए।
$(b)$ कोई अन्य चालक $B$ जिस पर आवेश $q$ है, को कोटर / गुहा (Cavity) में इस प्रकार धँसा दिया जाता है कि चालक $B$ चालक $A$ से विध्युतरोधी रहे। यह दर्शाइए कि चालक $A$ के बाह्य पृष्ठ पर कुल आवेश $Q+q$ है [ चित्र $(b)$]।
$(c)$ किसी सुग्राही उपकरण को उसके पर्यावरण के प्रबल स्थिर वैध्यूत क्षेत्रों से परिरिक्षित किया जाना है। संभावित उपाय लिखिए।