$16\,cm ^2$ समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाले दो बेलनाकार बर्तनों में क्रमशः $100\,cm$ एवं $150\,cm$ ऊँचाई तक पानी भरा है। बर्तनों को आपस में इस प्रकार जोड़ दिया जाता है कि दोनों में पानी का स्तर समान हो जाए। इस प्रक्रम में गुरूत्व बल द्वारा किये गये कार्य का मान $........\,J$ होगा [माना, पानी का घनत्व $=10^3 kg / m ^3$ एवं $g =10 ms ^{-2}$ ]
$0.25$
$1$
$8$
$12$
किसी त्रिभुजाकार पटल का क्षेत्रफल $A$ व ऊँचाई $ h $ है इसे $\rho $ घनत्व के द्रव में ऊध्र्वाधर इस प्रकार डुबोया जाता है कि, आधार द्रव तल पर रहें तो पटल पर उत्प्लावन बल होगा
एक स्वस्थ मनुष्य की लम्बाई $1.7 \,m$ है तथा उसका औसत रक्तचाप $(BP)$ पारा $Hg$ का $100 \,mm$ है। सामान्यतः हृदय तलवे से $1.3 \,m$ की ऊँचाई पर होता है। मान लेंकि रक्त का घनत्व $10^3 \,kg / m ^3$ है। तलवा क्षेत्र और सिर क्षेत्र के रक्तचापों का अनुपात निम्न के निकटतम होगा। ध्यान दें कि पारे का $100 \,mm , 13.3 \,kPa$ (किलो पास्कल) के बराबर है।
दो पात्रों के आधारों के क्षेत्रफल समान हैं परंतु आकृतियाँ भिन्न-भिन्न हैं । पहले पात्र में दूसरे पात्र की अपेक्षा किसी ऊँचाई तक भरने पर दो गुना जल आता है । क्या दोनों प्रकरणों में पात्रों के आधारों पर आरोपित बल समान हैं। यदि ऐसा है तो भार मापने की मशीन पर रखे एक ही ऊँचाई तक जल से भरे दोनों पात्रों के पाठ्यांक भिन्न-भिन्न क्यों होते हैं ?
ताँबे के दो बर्तन $A$ एवं $B$ की तली का क्षेत्रफल समान है, किन्तु उनकी आकृतियाँ अलग-अलग है। किसी विशेष उभयनिष्ठ ऊंघूाई तक भरें जाने के लिए $B$ को जितने जल की आवश्यकता होती है, $A$ में उसके दोगुने आयतन का पानी आ सकता है। तो निम्नलिखित में से सही कथन है:
ऊर्ध्वाधर समतल में, एक पतली एकसमान नली को $r$ त्रिज्या के वृत्त में मोड़ा जाता है। $\rho_{1}$ तथा $\rho_{2}\left(\rho_{1}>\rho_{2}\right)$ घनत्व वाले दो अमिश्रणीय द्रव के समान आयतन इस वृत्त को आधा भरते हैं। द्रवों के उभरयनिष्ठ अन्तरपृष्ठ से गुजरने वाले त्रिज्या सदिश तथा ऊर्ध्व दिशा के बीच के कोण $\theta$ का मान है