ऊर्ध्वाधर समतल में, एक पतली एकसमान नली को $r$ त्रिज्या के वृत्त में मोड़ा जाता है। $\rho_{1}$ तथा $\rho_{2}\left(\rho_{1}>\rho_{2}\right)$ घनत्व वाले दो अमिश्रणीय द्रव के समान आयतन इस वृत्त को आधा भरते हैं। द्रवों के उभरयनिष्ठ अन्तरपृष्ठ से गुजरने वाले त्रिज्या सदिश तथा ऊर्ध्व दिशा के बीच के कोण $\theta$ का मान है

  • [JEE MAIN 2018]
  • A

    $\theta  = {\tan ^{ - 1}}\left[ {\frac{\pi }{2}\left( {\frac{{{\rho _1} - {\rho _2}}}{{{\rho _1} + {\rho _2}}}} \right)} \right]$

  • B

    $\theta  = {\tan ^{ - 1}}\frac{\pi }{2}\left( {\frac{{{\rho _1} + {\rho _2}}}{{{\rho _1} - {\rho _2}}}} \right)$

  • C

    $\theta  = {\tan ^{ - 1}}\pi \left( {\frac{{{\rho _1}}}{{{\rho _2}}}} \right)$

  • D

    $\theta  = {\tan ^{ - 1}}\frac{\pi }{2}\left( {\frac{{{\rho _2}}}{{{\rho _1}}}} \right)$

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 दो एक समान बेलनाकार पात्रों के आधार समान तल पर हैं तथा प्रत्येक पात्र का आधार क्षेत्रफल $A$  है। प्रत्येक पात्र में समान घनत्व $  \rho$   का द्रव अलग.अलग ऊँचाइयों $h_1$  तथा $h_2$   तक भरा हुआ है। यदि दोनों पात्रों को एक दूसरे से जोड़ दिया जाए तब दोनों पात्रों में द्रव का तल समान करने हेतु गुरुत्व द्वारा किया गया कार्य होगा

  • [AIIMS 2009]

आपस में चित्रानुसार जुड़े दो पात्रों में पारा भरा है। एक पात्र का व्यास दूसरे के व्यास का $n$ गुना है। बांये पात्र में $ h $ ऊँचाई तक जल भरा जाये तो दाँये पात्र में पारे का स्तर कितना ऊँचा हो जाएगा ($s =$ पारे का आपेक्षिक घनत्व,$\rho $= जल का घनत्व)

एक समान अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल वाली दी गई काँच की नली को पानी से भरकर घूमती हुई शाफ्ट पर लगाया गया है, जैसा कि चित्र में प्रदर्शित है यदि नली नियत कोणीय वेग $\omega $ से घूर्णन करती है, तब

  • [AIIMS 2005]

एक जल विध्यूत शक्ति संयंत्र में जल दाब शीर्ष $300 \,m$ की ऊँचाई पर है तथा उपलब्ध जल प्रवाह $100\, m ^{3} s ^{-1}$ है। यदि टर्बाइन जनित्र की दक्षता $60 \,\%$ हो तो संयंत्र से उपलब्ध विध्यूत शक्ति का आकलन कीजिए, $g=9.8 \,m s ^{-2}$ ।

एक बंद आयताकार पात्र पूर्णत: जल से भरा है तथा क्षैतिज तल पर त्वरण $ a $ से दाँयी ओर गतिशील है तो दाब किन बिन्दुओं पर $ (i) $ अधिकतम व $ (ii)$ न्यूनतम होगा