किसी कोयले की खदान, समुद्र तल तथा पर्वत की चोटी पर किसी वस्तु के भार क्रमश: ${W_1},\;{W_2}$ तथा ${W_3}$ हैं, तो
${W_1} < {W_2} > {W_3}$
${W_1} = {W_2} = {W_3}$
${W_1} < {W_2} < {W_3}$
${W_1} > {W_2} > {W_3}$
एक ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण $4$ प्रतिशत यर्थाथता तक पाया जाता है। उस ग्रह पर $m$ द्रव्यमान के सरल लोलक को $T$ आवर्तकाल से दोलन कराने के लिए दी गई ऊर्जा की गणना की जाती है। यदि आवर्तकाल $3$ प्रतिशत यर्थाथता से मापा जाता है, तो ऊर्जा $E$ की यर्थाथता प्रतिशत पायी जाती है।
गुरुत्वीय बल न्यूनतम होता है
एक ग्रह का द्रव्यमान तथा व्यास, पृथ्वी की संगत राशियों का तीन गुना है। पृथ्वी पर एक सरल लोलक का आवर्तकाल $2\, s$ है। उसी लोलक का ग्रह पर आवर्तकाल होगा।
यदि पृथ्वी की त्रिज्या ग्रह $\mathrm{P}$ से दोगुनी तथा द्रव्यमान नौ गुना है, तब एक रॉकेट को $\mathrm{P}$ के गुरुत्वाकर्षण बल से बाहर खीचने के लिए आवश्यक न्यूनतम वेग $\frac{v_e}{3} \sqrt{x} \mathrm{~ms}^{-1}$ होगा, जहाँ पृथ्वी पर पलायन वेग $v_e$ है। $x$ का मान है:
पृथ्वी को एकसमान द्रव्यमान घनत्व का गोला मानते हुए, यदि किसी पिण्ड का भार धरातल पर $200 \mathrm{~N}$ है, तो धरातल से $d=\frac{R}{2}$ की गहराई पर इसका भार होगा (दिया है, $\mathrm{R}=$ पृथ्वी की त्रिज्या):