केन्द्र से $r$ त्रिज्या की दूरी पर चक्कर लगा रहे उपग्रह का कोणीय संवेग $L$ है। यदि उपग्रह की दूरी $r$ से बढ़ाकर $16 r$ कर दी जाये तो इसका कोणीय संवेग हो जायेगा
$16 L$
$64 L$
$\frac{L}{4}$
$4 L$
कोई भू-स्थायी उपग्रह पृथ्वी की सतह से $5\, R$ की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। यहाँ $R$ पृथ्वी की त्रिज्या है। पृथ्वी की सतह से $2 \,R$ की ऊँचाई पर परिक्रमा कर रहे दूसरे उपग्रह का आवर्त काल घंटा में होगा
संलग्न चित्र सूर्य के चारों ओर एक ग्रह की दीर्घवृत्तीय कक्षा में गति प्रदर्शित करता है, सूर्य जिसके फोकस पर है। चित्र में छायांकित भाग $A$ तथा $B$ समान क्षेत्रफल के हैं। यदि ग्रह द्वारा $a$ से $b$ तक तथा $d$ से $c$ तक जाने का समय क्रमश: ${t_1}$ तथा ${t_2}$ है, तो
यदि पृथ्वी तथा सूर्य के बीच की दूरी वर्तमान दूरी की आधी हो जाये तो एक वर्ष में दिनों की संख्या होगी
केपलर के अनुसार, किसी ग्रह का आवर्तकाल $(T) $ तथा इसकी सूर्य से औसत दूरी $(r) $ के बीच सही सम्बन्ध होगा
सूर्य के चारों ओर दीर्घवत्तीय कक्षा में गमन करते द्रव्यमान $M$ के किसी ग्रह का कोणीय संवेग $\overrightarrow{ L }$ है। इस ग्रह के क्षेत्रीय वेग का परिमाण होगा।