केपलर के अनुसार, किसी ग्रह का आवर्तकाल $(T) $ तथा इसकी सूर्य से औसत दूरी $(r) $ के बीच सही सम्बन्ध होगा
${T^3}{r^3} = $ constant
${T^2}{r^{ - 3}} = $ constant
$T{r^3} = $ constant
${T^2}r = $ constant
पृथ्वी के परितः घूमने वाले एक सेटेलाइट के आवर्तकाल में आपेक्षिक अनिश्चितता $10^{-2}$ है। यदि कक्षा की त्रिज्या में आपेक्षिक अनिश्चितता नगण्य हो तो पृथ्वी के द्रव्यमान में आपेक्षिक अनिश्चितता होगी
$m$ द्रव्यमान का एक उपग्रह एकसमान कोणीय वेग से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। यदि कक्षा की त्रिज्या ${R_0}$ तथा पृथ्वी का द्रव्यमान $M$ है, तो उपग्रह का पृथ्वी के केन्द्र के सापेक्ष कोणीय संवेग है
केपलर ने खोज की
एक तुल्यकाली उपग्रह पृथ्वी तल से $6R$ ऊँचाई पर पृथ्वी के चक्कर लगा रहा है, जहाँ $R$ पृथ्व की त्रिज्या है। एक अन्य उपग्रह का परिक्रमण काल क्या होगा जो पृथ्वी तल से $2.5R$ ऊँचाई पर चक्कर लगा रहा है
पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर परिक्रमण काल $1$ वर्ष है। यदि इनके बीच की दूरी दोगुनी हो जाती है, तब नया परिक्रमण काल होगा