सूर्य के चारों ओर दीर्घवत्तीय कक्षा में गमन करते द्रव्यमान $M$ के किसी ग्रह का कोणीय संवेग $\overrightarrow{ L }$ है। इस ग्रह के क्षेत्रीय वेग का परिमाण होगा।
$\frac{4 L }{ M }$
$\frac{L }{ M }$
$\frac{2L }{ M }$
$\frac{L }{2M }$
यदि सूर्य के परित: वृतीय कक्ष में घूमते हुए द्रव्यमान $m$ के एक ग्रह का, सूर्य के केंद्र के सापेक्ष, कोणीय संवेग $L$ है, तो इसकी क्षेत्रीय गति होगी :
यदि सूर्य से पृथ्वी की दूरी वर्तमान दूरी की $\frac{1}{4}^{th}$ हो जाए, तब वर्तमान दिन का मान कितना घट जाएगा
यदि पृथ्वी की कक्षा की त्रिज्या एक चौथाई कर दी जाए, तब वर्ष की अवधि हो जाएगी
एक पुच्छल तारे की सूर्य से अधिकतम एवं न्यूनतम दूरियाँ क्रमश: $8 \times {10^{12}}$ मीटर एवं $1.6 \times {10^{12}}$ मीटर हैं। जब यह सूर्य के नजदीक है तब इसका वेग $60$ मीटर/सैकण्ड है। जब यह अधिकतम दूरी पर है तब इसका वेग मीटर/सैकण्ड में होगा
संलग्न चित्र सूर्य के चारों ओर एक ग्रह की दीर्घवृत्तीय कक्षा में गति प्रदर्शित करता है, सूर्य जिसके फोकस पर है। चित्र में छायांकित भाग $A$ तथा $B$ समान क्षेत्रफल के हैं। यदि ग्रह द्वारा $a$ से $b$ तक तथा $d$ से $c$ तक जाने का समय क्रमश: ${t_1}$ तथा ${t_2}$ है, तो