$4$ घेरे वाली वृत्ताकार कुँडली में प्रवाहित विद्युत धारा, इसके केन्द्र पर $32 \mathrm{~T}$ मान का चुम्बकीय प्रेरण उत्पन्न करती है। कुंडली को खोला जाता है एवं एकल घेरे वाली वृत्ताकार कुंडली के रूप में फिर से बाँधा जाता हैं तो अब समान धारा के लिये कुंडली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय प्रेरण का मान $..........\,T$ होगा:
$8$
$4$
$2$
$16$
किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र $B$ एवं ऊर्जा घनत्व $U$ है तब निम्न में से सही ग्राफ हैं
एक वृत्ताकार कुण्डली के अक्ष पर स्थित दो बिन्दुओं, जिनकी इसके केन्द्र से दूरियाँ $0.05$ मीटर एवं $0.02$ मीटर है, पर चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात $8 : 1$ है। कुण्डली की त्रिज्या ...... मीटर है
${r_1}$ तथा ${r_2}$ त्रिज्याओं की दो संकेन्द्री तथा समतलीय वृत्ताकार लूपों में धाराएँ क्रमश: ${i_1}$ तथा ${i_2}$ विपरीत दिशाओं में बह रही हैं (एक में दक्षिणावर्ती तथा दूसरी में वामावर्ती)। लूपों के केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण अकेले ${i_1}$ द्वारा उत्पन्न प्रेरण का आधा है। यदि ${r_2} = 2{r_1}$ हो तो ${i_2}/{i_1}$ का मान होगा
एक परिपथ का सीधा भाग $PQ$, $X$-अक्ष के अनुदिश है जो $x = - \frac{a}{2}$ एवं $x = \frac{a}{2}$ के बीच रखा है। इसमें से अचर धारा i प्रवाहित हो रही है। इस भाग $PQ$ द्वारा $X = + a$ बिन्दु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होगा