$4$ घेरे वाली वृत्ताकार कुँडली में प्रवाहित विद्युत धारा, इसके केन्द्र पर $32 \mathrm{~T}$ मान का चुम्बकीय प्रेरण उत्पन्न करती है। कुंडली को खोला जाता है एवं एकल घेरे वाली वृत्ताकार कुंडली के रूप में फिर से बाँधा जाता हैं तो अब समान धारा के लिये कुंडली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय प्रेरण का मान $..........\,T$ होगा:

  • [JEE MAIN 2023]
  • A

    $8$

  • B

    $4$

  • C

    $2$

  • D

    $16$

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निम्न चित्र में तार का बना हुआ एक वर्गाकार लूप $ ABCD$ दिखाया गया है। जिसके प्रत्येक भुजा की लम्बाई $a$ है। भाग $ABC$ का प्रतिरोध $r$ तथा भाग  $ADC$ का प्रतिरोध $2r$ है। केन्द्र $O$ पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र होगा

एक $l$ लम्बाई के पतले तार में स्थिर धारा प्रवाहित हो रही है। इस तार को एक वृत्तीय कुण्डली में इस प्रकार मोड़ा गया है कि इसकी त्रिज्या $R$ एवं इसमें लपेटों की संख्यां $n$ है तब निम्न में से कौन सा ग्राफ कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $(B)$ के परिवर्तन को सही दर्शाता है

एक लम्बा चालक तार जिसमें $I$ धारा प्रवाहित हो रही है, इसे $\mathrm{N}$ घेरों वांली वृत्ताकार कुंडली के रूप मे मोडा जाता है। फिर इसे $\mathrm{n}$ घेरों वाली वृत्ताकार कुंडली के रूप में मोडा जाता है। दोनो स्थितियों में कुंडलियों के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र परिकलित किया. जाता है। प्रथम एवं द्वितीय स्थिथियों में चुम्बकीय क्षेत्र का अनुपात है :

  • [JEE MAIN 2023]

दिये गये चित्र में बिन्दु $O$ पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र होगा

दिये गये चित्र में एक तार को एक $n$ भुजा के समबहुभुज के रूप में मोड़ा गया है। यह बहुभुज $a$ त्रिज्या के वृत्त के अन्दर बना हुआ है इसके केन्द्र पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र है

  • [KVPY 2012]