एक $l$ लम्बाई के पतले तार में स्थिर धारा प्रवाहित हो रही है। इस तार को एक वृत्तीय कुण्डली में इस प्रकार मोड़ा गया है कि इसकी त्रिज्या $R$ एवं इसमें लपेटों की संख्यां $n$ है तब निम्न में से कौन सा ग्राफ कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $(B)$ के परिवर्तन को सही दर्शाता है
किसी $R$ त्रिज्या के पतले छल्ले ( रिंग) पर $q$ आवेश समानरूप से विस्तारित (फैला) है। यह छल्ला अपनी अक्ष के परित: एकसमान आवृत्ति $fHz$ से घूर्णन करता है। तो इसके केन्द्र पर चुम्बकीय-प्ररेण का मान होगा:
संलग्न चित्र में ${r_1}$ एवं ${r_2}$ त्रिज्या के दो अर्द्धवृत्त हैं, जिनमें धारा $i$ प्रवाहित हो रही है। केन्द्र $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी
एक कण जिस पर इलेक्ट्रॉन से $100$ गुना आवेश है $0.8$ मीटर त्रिज्या के एक वृत्तीय पथ में घूर्णन कर रहा है। केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होगा $({\mu _0} = $ निर्वात् की चुम्बकशीलता है)
निम्न स्थितियों में बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र ज्ञात कीजिए
जब एक धारावाही वृत्तीय कुण्डली में धारा दोगुनी एवं लपेटों की संख्या आधी कर दी जाती है तब केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र पूर्व मान का