दिये गये चित्र में एक तार को एक $n$ भुजा के समबहुभुज के रूप में मोड़ा गया है। यह बहुभुज $a$ त्रिज्या के वृत्त के अन्दर बना हुआ है इसके केन्द्र पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र है
$\frac{{{\mu _0}i}}{{2\pi a}}\tan \frac{\pi }{n}$
$\frac{{{\mu _0}ni}}{{2\pi a}}\tan \frac{\pi }{n}$
$\frac{2}{\pi }\frac{{ni}}{a}{\mu _0}\tan \frac{\pi }{n}$
$\frac{{ni}}{{2a}}{\mu _0}\tan \frac{\pi }{n}$
दो बहुत पतले धात्विक तार अक्ष $X$ और $Y$ पर हैं तथा दोनों में बराबर धारा है जैसा यहाँ दिखाया गया है। $AB$ और $CD$ दो रेखाएँ अक्षेां से $45^\circ $ पर हैं तथा अक्षों का मूल बिन्दु $O$ है। चुम्बकीय क्षेत्र, जिस रेखा पर शून्य होगा, वह है
जब एक धारावाही वृत्तीय कुण्डली में धारा दोगुनी एवं लपेटों की संख्या आधी कर दी जाती है तब केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र पूर्व मान का
एक हेल्महोल्ज (Helmholtz) कुंडली में $N$ फेरों एवं $R$ त्रिज्या वाले दो पाश हैं (चित्र देखें)। उनको $R$ दूरी पर समाक्षीय रूप में रखा गया है और उनमें समान विघुत धारा $I$ एक ही दिशा में बहती है। केन्द्रों $A$ एवं $C$ के मध्य बिंदु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण होगा
एक इलेक्ट्रॉन नियत चाल $v$ से वृत्तीय कक्षा में गति करता है। यह वृत्त के केन्द्र पर $B$ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। वृत्त की त्रिज्या अनुक्रमानुपाती है
$a$ त्रिज्या की वृत्ताकार धारावाही कुण्डली के केन्द्र और उसके अक्ष पर केन्द्र से त्रिज्या के बराबर दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात है