लम्बाई $L$ के दो एकसमान चालक तारों में से एक को वृत्ताकार वलय की आकृति में लाया जाता है तथा दूसरे को $N$ एकसमान फेरों की वृत्ताकार कुंडली में मोड़ा जाता है। यदि दोनों से एक ही धारा प्रवाहित की जाती है, तो वलय तथा कुण्डली के केन्द्रों पर उपस्थित चुम्बकीय क्षेत्र, क्रमश: $B _{ L }$ तथा $B _{ C }$ हों, तब अनुपात $\frac{ B _{ L }}{ B _{ C }}$ होगा।
$N$
$\frac {1}{N}$
$N^2$
$\frac {1}{N^2}$
चित्र में बिन्दु $\mathrm{P}$ पर चुम्बकीय क्षेत्र ज्ञात कीजिए। एक अर्द्धवृत्ताकार वक्र भाग दो सीधे लम्बे तारों से जुड़ा है।
गॉस किस राशि की इकाई है
दिखाए गए चित्र के अनुसार $4 \sqrt{3} \mathrm{~cm}$ सेमी. भुजा के समबाहु त्रिभुज की भुजाओं में बहने वाली धारा $2 \mathrm{~A}$ है, त्रिभुज के केन्द्र $\mathrm{O}$ पर चुम्बकीय क्षेत्र है:
(पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र प्रभाव नगण्य मानकर)
$10\, cm$ त्रिज्या की $100$ कसकर लपेटे गए फेरों की किसी ऐसी कुंडली पर विचार कीजिए जिससे $1\, A$ विध्युत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेन्न का परिमाण क्या है?
दो बहुत लम्बे, सीधे तथा विधुत रोधी तारों को एक दूसरे से $90^{\circ}$ कोण पर चित्रानुसार $x y$-समतल में रखा है। तारों में एकसमान धारा I, चित्र में दिखायी दिशा में, बह रही है। बिन्दु $P$ पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र होगा :