चित्र में बिन्दु $\mathrm{P}$ पर चुम्बकीय क्षेत्र ज्ञात कीजिए। एक अर्द्धवृत्ताकार वक्र भाग दो सीधे लम्बे तारों से जुड़ा है।
$\frac{\mu_0 i}{2 r}\left(1+\frac{2}{\pi}\right)$
$\frac{\mu_0 i}{2 r}\left(1+\frac{1}{\pi}\right)$
$\frac{\mu_0 i}{2 r}\left(\frac{1}{2}+\frac{1}{2 \pi}\right)$
$\frac{\mu_0 i}{2 r}\left(\frac{1}{2}+\frac{1}{\pi}\right)$
एक छोटे $d\overrightarrow {l\,} $ लम्बाई के चालक में से $i$ धारा बह रही है। इससे $\overrightarrow {r\,} $ दूरी पर स्थित बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र $d\overrightarrow B $ होगा |
एक वृत्तीय कुण्डली जिसकी त्रिज्या $0.1\, m$ है तथा इसमें फेरों की संख्या $1000$ है। यदि कुण्डली में $0.1\, A$ की धारा बह रही है तो कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा
एक $r$ त्रिज्या एवं $n$ फेरों वाली वृत्तीय कुण्डली में प्रवाहित धारा $i$ के कारण उत्पन्न चुम्बकीय आघूर्ण किस प्रकार परिवर्तित होता है
किसी $R$ त्रिज्या के पतले छल्ले ( रिंग) पर $q$ आवेश समानरूप से विस्तारित (फैला) है। यह छल्ला अपनी अक्ष के परित: एकसमान आवृत्ति $fHz$ से घूर्णन करता है। तो इसके केन्द्र पर चुम्बकीय-प्ररेण का मान होगा:
चिन्न में दशाए अनुसार किसी सीधे तार जिसमें $12 \,A$ विध्युत धारा प्रवाहित हो रही है, को $2.0 \,cm$ त्रिज्या के अर्धवृताकार चाप में मोड़ा गया है। इस चाप के केंद्र पर चंबकीय क्षेत्र $B$ को मानें।
$(a)$ सीधे खंडों के कारण चुंबकीय क्षेत्र कितना है?
$(b)$ किस रूप में अर्धवृत द्वारा $B$ को दिया गया योगदान वृताकार पाश के योगदान से भिन्न है और किस रूप में ये एक दूसरे के समान हैं।
$(c)$ क्या आपके उत्तर में कोई परिवर्तन होगा यदि तार को उसी त्रिज्या के अर्धवृत्त में पहले की तुलना में चित्र $(b)$ में दर्शाए अनुसार उलटी दिशा में मोड़ दें।