दो बहुत लम्बे, सीधे तथा विधुत रोधी तारों को एक दूसरे से $90^{\circ}$ कोण पर चित्रानुसार $x y$-समतल में रखा है। तारों में एकसमान धारा I, चित्र में दिखायी दिशा में, बह रही है। बिन्दु $P$ पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र होगा :
$\frac{{{\mu _0}I}}{{2\pi d}}\left( {\hat x + \hat y} \right)$
$\frac{{ + {\mu _0}I}}{{\pi d}}\left( {\hat z} \right)$
शून्य
$-\frac{{{\mu _0}I}}{{2\pi d}}\left( {\hat x + \hat y} \right)$
दो बहुत पतले धात्विक तार अक्ष $X$ और $Y$ पर हैं तथा दोनों में बराबर धारा है जैसा यहाँ दिखाया गया है। $AB$ और $CD$ दो रेखाएँ अक्षेां से $45^\circ $ पर हैं तथा अक्षों का मूल बिन्दु $O$ है। चुम्बकीय क्षेत्र, जिस रेखा पर शून्य होगा, वह है
किसी एकसमान मोटे वृत्तीय चालक के दो बिन्दुओं के बीच एक सेल जोड़ा जाता है। लूप के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा
एक $R$ त्रिज्या के वृत्त की चाप केन्द्र पर $\frac{\pi }{2}$ कोण बनाती है। इसमें $I$ धारा बह रही है। केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा
किसी $R$ त्रिज्या के पतले छल्ले ( रिंग) पर $q$ आवेश समानरूप से विस्तारित (फैला) है। यह छल्ला अपनी अक्ष के परित: एकसमान आवृत्ति $fHz$ से घूर्णन करता है। तो इसके केन्द्र पर चुम्बकीय-प्ररेण का मान होगा:
निम्न में से कौनसी राशि सदिश है