भारत का मंगलयान मंगल ग्रह के लिये सूर्य के चारों ओर स्थानान्तरण कक्ष $EOM$ में प्रक्षेपित किया गया। इसने पृथ्वी को $E$ पर छोड़ा और मंगल ग्रह से यह $M$ पर मिलता है। यदि पृथ्वी की अर्द्ध-दीर्घ अक्ष $a _{ e }=1.5 \times 10^{11} m$ है और मंगल ग्रह की अर्द्ध-दीर्घ अक्ष $a _{ m }=2.28 \times 10^{11} m$ है, तब केपलर के नियम के अनुसार पृथ्वी से मंगलग्रह तक मंगलयान के पहुँचने का समय लगभग होगा :
$500$
$320$
$260$
$220$
पृथ्वी के एक उपग्रह का परिक्रमण काल $5$ घण्टे है। यदि पृथ्वी तथा उपग्रह के बीच की दूरी प्रारम्भिक दूरी की चार गुनी कर दी जाये, तो नया परिक्रमण काल हो ........ घण्टे जायेगा
पृथ्वी से सूर्य की दूरी $1.5 \times 10^6 \mathrm{~km}$ है। एक काल्पनिक ग्रह की सूर्य से दूरी क्या होगी यदि इसका घूर्णन काल 2.83 वर्ष है ?
मान लीजिए किसी ग्रह की उपसौर $P$ पर (चित्र) चाल $v_{P}$ है, तथा सूर्य व ग्रह की दूरी $SP =r_{P}$ है। $\left\{r_{P}, v_{P}\right\}$ तथा अपसौर पर इन राशियों के तदनुरूपी मान $\left\{r_{A,} v_{A}\right\}$ में संबंध स्थापित कीजिए। क्या ग्रह $BAC$ तथा $CPB$ पथ तय करने में समान समय लेगा ?
सूचि$-I$ का सूचि$-II$ के साथ मिलन करे:
$(a)$ गुरुत्वीय स्थिरांक$(G)$ | $(i)$ $\left[ L ^{2} T ^{-2}\right]$ |
$(b)$ गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा | $(ii)$ $\left[ M ^{-1} L ^{3} T ^{-2}\right]$ |
$(c)$ गुरुत्वीय विभव | $(iii)$ $\left[ LT ^{-2}\right]$ |
$(d)$ गुरुत्वीय तीव्रता | $(iv)$ $\left[ ML ^{2} T ^{-2}\right]$ |
निचे दीए गए विक्ल्पो में सही उतर चुने:
ग्रहीय गति में किसी ग्रह के स्थिति सदिश का क्षेत्रीय वेग $dA/dt$, कोणीय वेग $\omega $ तथा ग्रह की सूर्य से दूरी $r$ पर निर्भर करता है। क्षेत्रीय वेग के लिये सही संबंध होगा