जैसा कि निम्न रेखाचित्र में दर्शाया गया है, एक प्रयोग में विन्यास $A$ के अनुसार दो समानान्तर तारों में विपरीत दिशा में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है. दूसरा विन्यास $B$ पहले विन्यास $A$ के समरूप है, परन्तु इस विन्यास में दोनों तारों के बीच एक धातु की प्लेट रखी गयी है। यदि मान लें कि बिन्यास $A$ एवं $B$ में दोनों तारों के बीच लगे बलों का मान क्रमशः $F_{ A }$ एवं $F_{ B }$ है, तो

210768-q

  • [KVPY 2016]
  • A

    $F_A > F_B \neq 0$

  • B

    $F_A < F_B$

  • C

    $F_A=F_B \neq 0$

  • D

     $F_A > F_B=0$

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  • [IIT 1986]

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दो लम्बे सीधे तार $P$ तथा $Q$ को एक दूसरे के समान्तर $5\  cm$ की दूरी पर रखा गया है जिनमें प्रवाहित धारा $10 \ A$ है। तार $P$ के $10 \ cm$ लम्बे भाग में लगने वाले चुम्बकीय बल का परिमाण $F_1$ है। यदि तारों में बहने वाली धारा दोगुनी तथा उनके बीच की दूरी आधी कर दी जाती है, तब $10 \ cm$ लम्बाई के $P$ तार पर लगने वाले बल $F _2$ का मान होगा:

  • [JEE MAIN 2023]

दो लम्बे धारावाही समान्तर चालक तार $8\,cm$ की दूरी पर रखे गए है। दोनों चालको में धारा प्रवाह के कारण यदि मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण $300\,\mu T$ है तो दोनों चालको में प्रवाहित होने वाली समान धारा होगी:

  • [JEE MAIN 2022]

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