दो पतले एवं लम्बे तार एक दूसरे के समान्तर $b$ दूरी पर स्थित हैं। प्रत्येक तार में से $i$ धारा बह रही है। एक तार द्वारा दूसरे तार की प्रति इकाई लम्बाई पर आरोपित बल होगा

  • [IIT 1986]
  • A

    $\frac{{{\mu _0}{i^2}}}{{{b^2}}}$

  • B

    $\frac{{{\mu _0}{i^2}}}{{2\pi b}}$

  • C

    $\frac{{{\mu _0}i}}{{2\pi b}}$

  • D

    $\frac{{{\mu _0}i}}{{2\pi {b^2}}}$

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एक तार जिसमें $8\,A$ विध्यूत धारा प्रवाहित हो रही है, $0.15\, T$ के एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में, क्षेत्र से $30^{\circ}$ का कोण बनाते हुए रखा है। इसकी एकांक लंबाई पर लगने वाले बल का परिमाण और इसकी दिशा क्या है?

$4\, cm$ त्रिज्या की वृत्तीय कुण्डली में $50$ फेरे हैं। उसमें $2 \,A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। इसे $0.1$ $weber/{m^2}$ के चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर संतुलन से $180^\circ $ घुमाने में किया गया कार्य ......$J$ होगा

$0.5$ मीटर के अन्तराल पर स्थित दो सीधे लम्बे समान्तर चालकों में $5\,A$ व $8\,A$ की धारायें एक ही दिशा में बह रही हैं। चालकों की इकाई लम्बाई पर कार्यरत बल है

दिखाए गये अनंत लम्बाई के चालक में $5$ एम्पियर की धारा प्रवाहित होती है। चालक के समान्तर एक इलेक्ट्रॉन $10^{5}$ मी.$/$से. के चाल से गति करता है। एक क्षण पर इलेक्ट्रॉन तथा चालक के बीच लम्बवत् दूरी $20$ से.मी. है। उस क्षण पर इलेक्ट्रॉन द्वारा अनुभव किये जाने वाले बल ($\times 10^{-20} \,N$) के परिमाण की गणना कीजिए। 

  • [NEET 2021]

एक वृत्ताकार छल्ले की त्रिज्या $5$ सेमी है और उसमें $0.1$ ऐम्पियर की धारा बह रही है। इसका चुम्बकीय आघूर्ण है