तीन लम्बे व सीधे धारावाही चालक परस्पर समान्तर क्रम में एक बैटरी के सिरों पर जुड़े हैं। बैटरी का आंतरिक प्रतिरोध नगण्य है। तारों के प्रतिरोधों का अनुपात $3 : 4 : 5$ है। यदि बीच वाले तार पर नैट बल शून्य है तब अन्य दो तारों से इसकी दूरियों का अनुपात होगा

  • A

    $4 : 3$

  • B

    $3 : 1$

  • C

    $5 : 3$

  • D

    $2 : 3$

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एक इलेक्ट्रॉन पुंज एवं एक प्रोटॉन पुंज एक दूसरे के समान्तर एक ही दिशा में गतिमान हैं। तब ये

किसी निर्धारित स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $3.0 \times 10^{-5}\, T$ है, तथा इस क्षेत्र की दिशा भौगोलिक दक्षिण से भौगोलिक उत्तर की ओर है। किसी अत्यधिक लंबे सीधे चालक से $1\, A$ की अपरिवर्ती धारा प्रवाहित हो रही है। जब यह तार किसी क्षैतिज मेज पर रखा है तथा विध्यूत धारा के प्रवाह की दिशाएँ $(a)$ पूर्व से पश्चिम की ओर; $(b)$ दक्षिण से उत्तर की ओर हैं तो तार की प्रत्येक एकांक लंबाई पर बल कितना है?

एक सीधी, क्षैतिज चालक छड़ जिसकी लंबाई $0.45\, m$ एवं द्रव्यमान $60\, g$ है इसके सिरों पर जुड़े दो ऊर्ध्वाधर तारों पर लटकी हुई है। तारों से होकर छड़ में $5.0 \,A$ विध्युत धारा प्रवाहित हो रही है।

$(a)$ चालक के लंबवत कितना चुंबकीय क्षेत्र लगाया जाए कि तारों में तनाव शून्य हो जाए।

$(b)$ चुंबकीय क्षेत्र की दिशा यथावत रखते हुए यदि विध्युत धारा की दिशा उत्क्रमित कर दी जाए तो तारों में कुल तनाव कितना होगा? ( तारों के द्रव्यमान की उपेक्षा कीजिए) $g=9.8\, m s ^{-2}$

एक परिनालिका जो $60 \,cm$ लंबी है, जिसकी त्रिज्या $4.0\, cm$ है और जिसमें $300$ फेरों वाली $3$ परतें लपेटी गई हैं। इसके भीतर एक $2.0 \,cm$ लंबा, $2.5 \,g$ द्रव्यमान का तार इसके ( केंद्र के निकट) अक्ष के लंबवत रखा है। तार एवं परिनालिका का अक्ष दोनों क्षैतिज तल में हैं। तार को परिनालिका के समांतर दो वाही संयोजकों द्वारा एक बाह्य बैटरी से जोड़ा गया है जो इसमें $6.0 \,A$ विध्यूत धारा प्रदान करती है। किस मान की विध्यूत धारा ( परिवहन की उचित दिशा के साथ ) इस परिनालिका के फेरों में प्रवाहित होने पर तार का भार सँभाल सकेगी? $g=9.8 \,m s ^{-2}$

एक स्थिर क्षैतिज तार में $200\, A$ धारा प्रवाहित हो रही है। एक अन्य तार, जिसका रेखीय द्रव्यमान घनत्व ${10^{ - 2}}\,kg/m$ है, को प्रथम तार के $2\, cm$ नीचे (समान्तर) रखा गया है। यदि यह तार वायु में बिना किसी सहारे के तैरता है तो इस तार में प्रवाहित धारा का परिमाण व दिशा होंगे