दो लम्बे सीधे तार $P$ तथा $Q$ को एक दूसरे के समान्तर $5\ cm$ की दूरी पर रखा गया है जिनमें प्रवाहित धारा $10 \ A$ है। तार $P$ के $10 \ cm$ लम्बे भाग में लगने वाले चुम्बकीय बल का परिमाण $F_1$ है। यदि तारों में बहने वाली धारा दोगुनी तथा उनके बीच की दूरी आधी कर दी जाती है, तब $10 \ cm$ लम्बाई के $P$ तार पर लगने वाले बल $F _2$ का मान होगा:
$8 F_1$
$10 F_1$
$F_1 / 8$
$F_1 / 10$
एक सीधा एवं लम्बा तार $AB$ चित्रानुसार एक टेबिल पर स्थिर है। द्रव्यमान $1.0\, gm$ एवं लम्बाई $50\, cm$ का एक तार $PQ$ चित्रानुसार दो ऊध्र्वाधर पटरियों $PS$ एवं $QR$ पर खिसकने के लिए स्वतंत्र है। $50\,A$ की धारा तारों में प्रवाहित की जाती है। तार $AB$ से किस......$mm$ ऊँचाई पर तार $PQ$ सन्तुलित होगा
एक परिनालिका जो $60 \,cm$ लंबी है, जिसकी त्रिज्या $4.0\, cm$ है और जिसमें $300$ फेरों वाली $3$ परतें लपेटी गई हैं। इसके भीतर एक $2.0 \,cm$ लंबा, $2.5 \,g$ द्रव्यमान का तार इसके ( केंद्र के निकट) अक्ष के लंबवत रखा है। तार एवं परिनालिका का अक्ष दोनों क्षैतिज तल में हैं। तार को परिनालिका के समांतर दो वाही संयोजकों द्वारा एक बाह्य बैटरी से जोड़ा गया है जो इसमें $6.0 \,A$ विध्यूत धारा प्रदान करती है। किस मान की विध्यूत धारा ( परिवहन की उचित दिशा के साथ ) इस परिनालिका के फेरों में प्रवाहित होने पर तार का भार सँभाल सकेगी? $g=9.8 \,m s ^{-2}$
$9\, m$, लम्बे दो समान्तर तार $0.15\, m$ की दूरी पर स्थित हैं। यदि इनमे प्रवाहित धारा का मान व दिशा समान हो एवं परस्पर $30 \times 10^{-7}\, N$ का बल आरोपित करते हैं तब धारा का मान.......$amp$ होगा
$0.5$ मीटर के अन्तराल पर स्थित दो सीधे लम्बे समान्तर चालकों में $5\,A$ व $8\,A$ की धारायें एक ही दिशा में बह रही हैं। चालकों की इकाई लम्बाई पर कार्यरत बल है
तार की एक वर्गाकर कुंडली का द्रव्यमान $m$ एवं विद्युत प्रतिरोध $R$ है, और इसकी भुजा की लम्बाई $a$ है। यह ुुंडली $x$-अक्ष समान्तर $v_0$ चाल से गति करते हुए एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में प्रवेश करती है। चुंबक क्षेत्र कुंडली के तल के लंबवत है। इस चुम्बकीय क्षेत्र में कुंडली की चाल दूरी $x($ $x < a_{\text {) }}$ के साथ निम्न प्रकार से बदलती है