हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन $5.2 \times {10^{ - 11}}\,m$ त्रिज्या की एक वृत्तीय कक्षा में घूमता है और नाभिक पर $12.56\, T$ चुम्बकीय प्रेरण उत्पन्न करता है। इलेक्ट्रॉन की गति के कारण उत्पन्न विद्युत धारा का मान होगा (दिया है ${\mu _0} = 4\pi \times {10^{ - 7}}\,Wb/A - m)$
$6.53 \times {10^{ - 3}}$ ऐम्पियर
$13.25 \times {10^{ - 10}}$ ऐम्पियर
$9.6 \times {10^6}$ ऐम्पियर
$1.04 \times {10^{ - 3}}$ ऐम्पियर
संलग्न चित्र में ${r_1}$ एवं ${r_2}$ त्रिज्या के दो अर्द्धवृत्त हैं, जिनमें धारा $i$ प्रवाहित हो रही है। केन्द्र $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी
एक इलेक्ट्रॉन एक प्रोटॉन के चारो ओर वृत्तीय मार्ग पर घूम रहा है। यदि वृत्तीय कक्षा की त्रिज्या $1\,\mathop A\limits^o $ एवं इलेक्ट्रॉन के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $16\, weber/m^2$ हो तब इसका कोणीय संवेग होगा
$\mathrm{R}_1=2 \pi \mathrm{m}$ तथा $\mathrm{R}_2=4 \pi \mathrm{m}$ त्रिज्या के दो अर्द्धवृत्तीय तारों से बने तार लूप के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $\alpha \times 10^{-7}$ टेस्ला है जबकि प्रवाहित धारा $\mathrm{I}=4 \mathrm{~A}$ है, (जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है।) (दोनों खण्डों के लिए केन्द्र $\mathrm{O}$ उभयनिष्ठ है) $\alpha$ का मान . . . . . . . . है।
एक लम्बे धारावाही चालक से $4$ सेमी की दूरी पर स्थित बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ${10^{ - 8}}$ टेसला है। उतनी ही धारा से $12$ सेमी की दूरी पर स्थित बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा