एक इलेक्ट्रॉन एक प्रोटॉन के चारो ओर वृत्तीय मार्ग पर घूम रहा है। यदि वृत्तीय कक्षा की त्रिज्या $1\,\mathop A\limits^o $ एवं इलेक्ट्रॉन के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $16\, weber/m^2$ हो तब इसका कोणीय संवेग होगा
$10^{17} \,rad/sec$
$1/2\pi \times 10^{12} \,rad/sec$
$2\pi \times 10^{12} \,rad/sec$
$4\pi \times 10^{12} \,rad/sec$
एक अनंत लम्बाई के सीधे धारावाही चालक को चित्र में दिखाये अनुसार मोड़ा जाता है। इस लूप की त्रिज्या $r$ है तथा इसमें से $i$ धारा बह रही है। तब इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी
दो अनन्त लम्बाई के समरूप तारों को $90^{\circ}$ से मोड़कर चित्रानुसार इस तरह रखा है कि उनके $LP$ तथा $QM$ भाग $x$-अक्ष पर हैं तथा $PS$ व $QN$ भाग $y$-अक्ष के समान्तर हैं। यदि $OP = OQ =4 \,cm , O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $10^{-4} T$ है तथा दोनों तारों में बराबर धारा (चित्रानुसार) बह रही है तो प्रत्येक तार में धारा का मान तथा बिन्दु $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा होगी:$\left(\mu_{0}=4 \pi \times 10^{-7} \,NA ^{-2}\right)$
$1$ टेसला तुल्य है
किसी लम्बे तार से कोई धारा प्रवाहित हो रही है। इस तार को एक फेरे के वृत्त में मोड़ने पर बनी कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B$ है। इसके बाद इसे मोड़कर $n$ फेरों की वृत्ताकार कुण्डली बनायी जाती है। इस कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा