एक लम्बा तार $ABDMNDC$ चित्र में दिखाया गया है और इसमें विधुत धारा $I$ बह रही है। इस तार के $AB$ और $BC$ भाग सीधे हैं और एक दूसरे से समकोण बनाते हैं। $D$ पर तार घूमते हुए $R$ त्रिज्या का एक वृत्त $DMND$ बनाता है तथा तार के $AB$ और $BC$ भाग इस वृत्त पर क्रमशः $N$ तथा $D$ पर स्पर्श रेखाएँ बनाते है। इस दशा में वृत्त के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान है।
एक ऊध्र्वाधर तार $Z-X$ तल में है, जिसमें विद्युत धारा $Q$ से $P$ की ओर बह रही है (देखिये चित्र)। धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा मूल बिन्दु $O$ पर होगी
त्रिज्या $R$ की एक अचालकीय चकती के पृष्ठ पर आवेश $Q$ को एकसमान रूप से वितरित किया गया है। चकती कोणीय वेग $\omega$ से अपने केन्द्र से गुजर रही है और तल के लम्बवत् अक्ष पर घूर्णन कर रही है। इस घूर्णन के फलस्वरूप चकती के केन्ट्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का प्रेरण $B$ प्राप्त होता हैं यदि हम चकती पर रखे गये आवेश की मात्रा और इसके कोणीय वेग को नियत रखें और चकती की त्रिज्या में परिवर्तन करें, तब चकती के केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण का परिवर्तन निम्न चित्र द्वारा दर्शाया जाएगा
A hairpin like shape as shown in figure is made by bending a long current carrying wire. What is the magnitude of a magnetic field at point $P$ which lies on the centre of the semicircle ?