$\mathrm{R}_1=2 \pi \mathrm{m}$ तथा $\mathrm{R}_2=4 \pi \mathrm{m}$ त्रिज्या के दो अर्द्धवृत्तीय तारों से बने तार लूप के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $\alpha \times 10^{-7}$ टेस्ला है जबकि प्रवाहित धारा $\mathrm{I}=4 \mathrm{~A}$ है, (जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है।) (दोनों खण्डों के लिए केन्द्र $\mathrm{O}$ उभयनिष्ठ है) $\alpha$ का मान . . . . . . . . है।

220891-q

  • [JEE MAIN 2024]
  • A

    $3$

  • B

    $7$

  • C

    $1$

  • D

    $9$

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नीचे दो कथन दिए गए हैं :

कथन $I:$बायो सावर्ट का नियम केवल हमें, किसी धारावाही चालक के अत्यंत सूक्ष्म धारा अवयव $(Idl)$ के चुम्बकीय क्षेत्र की क्षमता (स्ट्रैन्थ) का व्यंजक प्रदान करता है।

कथन $II$:बायो सावर्ट का नियम, आवेश $q$ के कुलाम्ब के व्युत्क्रम वर्ग नियम के अनुरूप है, जिसमें पहला एक अदिश स्रोत Idl द्वारा उत्पन्न क्षेत्र से सम्बंधित है, जबकि बाद वाला सदिश स्रोत $q$ द्वारा उत्पन्न क्षेत्र से सम्बंधित है।

उपरोक्त कथनों के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से

  • [NEET 2022]

चित्र मे दिखाये गये चार अनंत लम्बाई के धारावाही तारो के द्वारा मूलबिंदु पर परिणामी चुम्ब्कीय क्षेत्र क्या होगा जबकि प्रत्येक तार के द्वारा मूलबिंदु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र है

एक इलेक्ट्रॉन नियत चाल $v$ से वृत्तीय कक्षा में गति करता है। यह वृत्त के केन्द्र पर $B$ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। वृत्त की त्रिज्या अनुक्रमानुपाती है

  • [AIPMT 2005]

एक लम्बा तार $ABDMNDC$ चित्र में दिखाया गया है और इसमें विधुत धारा $I$ बह रही है। इस तार के $AB$ और $BC$ भाग सीधे हैं और एक दूसरे से समकोण बनाते हैं। $D$ पर तार घूमते हुए $R$ त्रिज्या का एक वृत्त $DMND$ बनाता है तथा तार के $AB$ और $BC$ भाग इस वृत्त पर क्रमशः $N$ तथा $D$ पर स्पर्श रेखाएँ बनाते है। इस दशा में वृत्त के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान है।

  • [JEE MAIN 2020]

एक धारा लूप $A B C D$ कागज के तल पर स्थिर रखा गया है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। लूप के चाप $B C$ (त्रिज्या $= b$ ) और चाप $D A($ त्रिज्या $=a$ ) को दो सीधे तारों $A B$ और $C D$ से जोड़ा जाता है। लूप में एक स्थिर धारा $I$ प्रवाहित हो रही है। $A B$ और $C D$ द्वारा मूल बिन्दु $O$ पर बना कोण $30^{\circ}$ है। एक अन्य सीधा पतला तार, जिसमें कागज़ के तल से बाहर स्थिर धारा $I_{1}$ प्रवाहित हो रही है, मूल बिन्दु पर रखा गया है।

मूल बिन्दु पर धारा $I_{1}$ की उपसि्थति के कारण

  • [AIEEE 2009]