$\mathrm{R}_1=2 \pi \mathrm{m}$ तथा $\mathrm{R}_2=4 \pi \mathrm{m}$ त्रिज्या के दो अर्द्धवृत्तीय तारों से बने तार लूप के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $\alpha \times 10^{-7}$ टेस्ला है जबकि प्रवाहित धारा $\mathrm{I}=4 \mathrm{~A}$ है, (जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है।) (दोनों खण्डों के लिए केन्द्र $\mathrm{O}$ उभयनिष्ठ है) $\alpha$ का मान . . . . . . . . है।

220891-q

  • [JEE MAIN 2024]
  • A

    $3$

  • B

    $7$

  • C

    $1$

  • D

    $9$

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चित्र में प्रदर्शित धारा व्यवस्था के कारण मध्य बिन्दु $\mathrm{O}$ पर चुम्बकीय प्रेरण का परिमाण होगा :

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एक लम्बा चालक तार जिसमें $I$ धारा प्रवाहित हो रही है, इसे $\mathrm{N}$ घेरों वांली वृत्ताकार कुंडली के रूप मे मोडा जाता है। फिर इसे $\mathrm{n}$ घेरों वाली वृत्ताकार कुंडली के रूप में मोडा जाता है। दोनो स्थितियों में कुंडलियों के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र परिकलित किया. जाता है। प्रथम एवं द्वितीय स्थिथियों में चुम्बकीय क्षेत्र का अनुपात है :

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एक रोलैंड रिंग की औसत त्रिज्या $15 \,cm$ है और इसमें $800$ आपेक्षिक चुंबकशीलता के लौह चुंबकीय क्रोड पर $3500$ फेरे लिपटे हुए हैं। $1.2 \,A$ की चुंबककारी धारा के कारण इसके क्रोड में कितना चुंबकीय क्षेत्र $(B)$ होगा?

लम्बाई $L$ के दो एकसमान चालक तारों में से एक को वृत्ताकार वलय की आकृति में लाया जाता है तथा दूसरे को $N$ एकसमान फेरों की वृत्ताकार कुंडली में मोड़ा जाता है। यदि दोनों से एक ही धारा प्रवाहित की जाती है, तो वलय तथा कुण्डली के केन्द्रों पर उपस्थित चुम्बकीय क्षेत्र, क्रमश: $B _{ L }$ तथा $B _{ C }$ हों, तब अनुपात $\frac{ B _{ L }}{ B _{ C }}$ होगा।

  • [JEE MAIN 2019]

$4$ घेरे वाली वृत्ताकार कुँडली में प्रवाहित विद्युत धारा, इसके केन्द्र पर $32 \mathrm{~T}$ मान का चुम्बकीय प्रेरण उत्पन्न करती है। कुंडली को खोला जाता है एवं एकल घेरे वाली वृत्ताकार कुंडली के रूप में फिर से बाँधा जाता हैं तो अब समान धारा के लिये कुंडली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय प्रेरण का मान $..........\,T$ होगा:

  • [JEE MAIN 2023]