यदि इलेक्ट्रॉन-आवेश $e$, इलेक्ट्रॉन-द्रव्यमान $m$, निर्वात् में प्रकाश के वेग $c$ तथा प्लाँक स्थिरांक $h$, को मूल राशियाँ मान लिया जाय तो, निर्वात् की चुम्बकशीलता $\mu_{0}$ का मात्रक होगा :
$\left( {\frac{h}{{m{e^2}}}} \right)$
$\left( {\frac{{hc}}{{m{e^2}}}} \right)$
$\left( {\frac{h}{{c{e^2}}}} \right)$
$\left( {\frac{{m{c^2}}}{{h{e^2}}}} \right)$
यदि प्रकाश वेग $(c)$, सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक $[G]$, प्लांक नियतांक $[h]$ को मूल मात्रकों की तरह प्रयुक्त किया जाये तब इस नयी पद्धति में समय की विमा होगी
एक पिण्ड की स्थिति, जो त्वरण 'a' से गतिशील है, व्यंजक $x = K{a^m}{t^n}$ से प्रदर्शित है, जहाँ t समय है। $m$ एवं $n$ की विमा होगी
एक सरल लोलक पर विचार कीजिए, जिसमें गोलक को एक धागे से बाँध कर लटकाया गया है और जो गुरुत्व बल के अधीन दोलन कर रहा है। मान लीजिए कि इस लोलक का दोलन काल इसकी लम्बाई $(l)$, गोलक के द्रब्यमान $(m)$ और गुर्त्वीय त्वरण $(g)$ पर निर्भर करता है। विमाओं की विधि का उपयोग करके इसके दोलन-काल के लिए सूत्र व्युत्पन्न कीजिए।
स्टोक के नियमानुसार, एक $a$ त्रिज्या का गोला जो कि , श्यानता गुणांक (coefficient of viscosity) के द्रव में $V$ चाल में चलता है, पर श्यानकर्षण बल (viscous drag) $F$ निम्न समीकरण से निरूपित किया जाता है : $F=a \eta_a v$ आयतन $V$ को निम्न समीकरण से निरूपित किया जा सकता है $\frac{V}{t}=k\left(\frac{p}{l}\right)^a \eta^b r^c$ जहाँ ${ }^k$ विमाविहीन स्थिरांक है। तो ${ }^a$, और $^c$ के सही मान क्या है ?
किसी निकाय की एन्ट्रॉपी इस प्रकार दी गयी है :
${S}=\alpha^{2} \beta \ln \left[\frac{\mu {kR}}{J \beta^{2}}+3\right]$
यहाँ $\alpha$ तथा $\beta$ नियतांक है। $\mu, J , k$ और $R$ क्रमशः मोलों की संख्या, ऊष्मा का यांत्रिक तुल्यांक, बोल्ट्मान स्थिरांक और गैस स्थिरांक हैं।
[${S}=\frac{{dQ}}{{T}}$ लीजिए ]
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