यदि पृथ्वी की त्रिज्या $R$ है एवं $g$ उसके तल पर गुरुत्वीय त्वरण है तो पृथ्वी का माध्य घनत्व है
$4\pi G/3gR$
$3\pi R/4gG$
$3g/4\pi RG$
$\pi RG/12G$
यदि $\mathrm{h} < < \mathrm{R}$ (पृथ्वी की त्रिज्या), पृथ्वी से $\mathrm{h}$ ऊँचाई पर गुरुत्वीय त्वरण होगा:
एक पिण्ड का पृथ्वी तल पर भार $72\, N$ है। पृथ्वी तल से $\frac{R_e}{2}$ ऊँचाई पर इसका भार....... $N$ है
एक भार को एक स्प्रिंग तुला द्वारा लिफ्ट की छत से बाँध दिया गया है। जब लिफ्ट स्थिर है तो स्प्रिंग तुला का पाठ $W$ है। यदि लिफ्ट अचानक गुरुत्व के अधीन नीचे गिरती है तो स्प्रिंग तुला का पाठ होगा
यदि पृथ्वी की चक्रण गति को बढ़ाया जाता है, तब भूमध्यरेखा पर स्थित वस्तु का भार
एक ग्रह का द्रव्यमान तथा व्यास, पृथ्वी की संगत राशियों का तीन गुना है। पृथ्वी पर एक सरल लोलक का आवर्तकाल $2\, s$ है। उसी लोलक का ग्रह पर आवर्तकाल होगा।