दीर्घवृत्तों $\mathrm{E}_{\mathrm{k}}: \mathrm{kx}^2+\mathrm{k}^2 \mathrm{y}^2=1, \mathrm{k}=1,2, \ldots ., 20$ का विचार कीजिए। माना $C_k$ वह वृत्त है, जो दीर्घवृत्त $E_k$ के अन्त्य बिंदुओं (एक लघु अक्ष पर तथा दूसरा दीर्घ अक्ष पर) को मिलाने वाली चार जीवाओं को स्पर्श करता है। यदि वृत्त $C_k$ की त्रिज्या $r_k$ है, तो $\sum_{\mathrm{k}=1}^{20} \frac{1}{\mathrm{r}_{\mathrm{k}}^2}$ का मान है :
$3080$
$3210$
$3320$
$2870$
माना $E$ एक दीर्घवत्त है जिसके अक्ष, निर्देशांक अक्षों के समांतर हैं। इसका केन्द्र $(3,-4)$ पर, एक नाभि $(4,-4)$ पर तथा एक शीर्ष $(5,-4)$ पर हैं। यदि $mx - y =4, m >0$ दीर्घवत्त $E$ की एक स्पर्श रेखा है, तो $5 m ^{2}$ का मान बराबर है ......... |
यदि दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{16}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ की नाभियाँ व अतिपरवलय $\frac{{{x^2}}}{{144}} - \frac{{{y^2}}}{{81}} = \frac{1}{{25}}$ की नाभियाँ सम्पाती हों तो ${b^2}$ का मान है
दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ की परस्पर लम्ब स्पर्श रेखाओं के प्रतिच्छेद बिन्दु का बिन्दुपथ होगा
एक दीर्घवृत्त एक गोल धागे से बनाया जाता है जो दो पिनों के ऊपर से होकर गुजरता है । यदि इस प्रकार बने दीर्घवृत्त के अक्ष क्रमश: $6$ सेमी व $4$ सेमी हों, तो धागे की लम्बाई और पिनों के बीच की दूरी सेमी में क्रमश: होगी
दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ के बिन्दु $'\theta '$ की नाभि से दूरी होगी