यहाँ आरेखा में तीन समान्तर तारों की एक व्यवस्था दर्शायी गई है। ये तार इस पेपर (पृष्ठ) के तल के लम्बवत् हैं और सभी से $'I'$ विधुतधारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है। इन तीनों के बीच में स्थित, तार $'B'$ की प्रति इकाई लम्बाई पर लगने वाले बल का परिमाण होगा :
$\frac{{2{\mu _0}{I^2}}}{{\pi d}}$
$\frac{{\sqrt 2 {\mu _0}{I^2}}}{{\pi d}}$
$\;\frac{{{\mu _0}{I^2}}}{{\sqrt 2 \pi d}}$
$\;\frac{{{\mu _0}{I^2}}}{{2\pi d}}$
दो लम्बे धारावाही समान्तर चालक तार $8\,cm$ की दूरी पर रखे गए है। दोनों चालको में धारा प्रवाह के कारण यदि मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण $300\,\mu T$ है तो दोनों चालको में प्रवाहित होने वाली समान धारा होगी:
दो तार $1$ व $2$ एक दूसरे के साथ चित्रानुसार $\theta $ कोण पर झुके हुए हैं एवं इनमें क्रमश: ${i_1}$ व ${i_2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं। तार $1$ से $r$ दूरी पर स्थित चालक $2$ के अल्पांश $dl$ पर लगने वाला बल (तार $1$ के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण) है
एक तार में $i$ धारा प्रवाहित हो रही है एवं इसका रूप वक्र $1:4:16$ के अनुरूप है। इस तार को चित्रानुसार एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है। तार पर कार्यरत बल है
जैसा कि निम्न रेखाचित्र में दर्शाया गया है, एक प्रयोग में विन्यास $A$ के अनुसार दो समानान्तर तारों में विपरीत दिशा में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है. दूसरा विन्यास $B$ पहले विन्यास $A$ के समरूप है, परन्तु इस विन्यास में दोनों तारों के बीच एक धातु की प्लेट रखी गयी है। यदि मान लें कि बिन्यास $A$ एवं $B$ में दोनों तारों के बीच लगे बलों का मान क्रमशः $F_{ A }$ एवं $F_{ B }$ है, तो
$1.5$ मीटर लम्बे तार में $5$ ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। $2$ टेसला के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर इस पर $7.5\, N$ का बल लगता है। चुम्बकीय क्षेत्र की धारा की दिशा के बीच का कोण ......$^o$ होगा