दो तार $1$ व $2$ एक दूसरे के साथ चित्रानुसार $\theta $ कोण पर झुके हुए हैं एवं इनमें क्रमश: ${i_1}$ व ${i_2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं। तार $1$ से $r$ दूरी पर स्थित चालक $2$ के अल्पांश $dl$ पर लगने वाला बल (तार $1$ के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण) है

131-24

  • [AIEEE 2002]
  • [AIIMS 2013]
  • A

    $\frac{{{\mu _0}}}{{2\pi r}}{i_1}\,{i_2}\,dl\,\tan \theta $

  • B

    $\frac{{{\mu _0}}}{{2\pi r}}{i_1}\,{i_2}\,dl\,\sin \theta $

  • C

    $\frac{{{\mu _0}}}{{2\pi r}}{i_1}\,{i_2}\,dl\,\cos \theta $

  • D

    $\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi r}}{i_1}\,{i_2}\,dl\,\sin \theta $

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चित्रानुसार एक लम्बे सीधे तार से एक अपरिवर्ती (स्थिर) धारा $I _{1}$ प्रवाहित हो रही है। इस तार से $d$ दूरी पर, क्षैतिज तल में, एक वर्गाकार लूप (पाश) रखा है, जिससे एक स्थिर (अपरिवर्ती ) धारा $I$ प्रवाहित हो रही है। तो, लूप (पाश) पर :

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