एक निश्चित लम्बाई के तार से बनी एक फेरे वाली कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B$ है। इसी लम्बाई के तार से बनी दो फेरों वाली कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र है (धारा नियत है)

  • [AIPMT 2002]
  • A

    $5B$

  • B

    $3B$

  • C

    $2B$

  • D

    $4B$

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षट्कोण आकार की एक कुण्डली के एक सिरे की लम्बाई $10 \,cm$ है और इसमें $50$ चक्कर (turns) हैं। यदि इसमें $I$ एम्पीयर मान की एक विधुत धारा बहती है तो इसके केन्द्र पर पैदा होने वाले चुम्बकीय क्षेत्र (SI units में) का मान, $\left(\frac{\mu_{ o } I }{\pi}\right)$ के यूनिट में होगा।

  • [JEE MAIN 2020]

त्रिज्या $R$ की एक अचालकीय चकती के पृष्ठ पर आवेश $Q$ को एकसमान रूप से वितरित किया गया है। चकती कोणीय वेग $\omega$ से अपने केन्द्र से गुजर रही है और तल के लम्बवत् अक्ष पर घूर्णन कर रही है। इस घूर्णन के फलस्वरूप चकती के केन्ट्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का प्रेरण $B$ प्राप्त होता हैं यदि हम चकती पर रखे गये आवेश की मात्रा और इसके कोणीय वेग को नियत रखें और चकती की त्रिज्या में परिवर्तन करें, तब चकती के केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण का परिवर्तन निम्न चित्र द्वारा दर्शाया जाएगा

  • [AIEEE 2012]

निम्न में से कौन सा व्यंजक, बायो-सेवर्ट के अनुसार, चुम्बकीय क्षेत्र के परिमाण को व्यक्त करता है

व्यास $2 a$ के एक बेलन में, त्रिज्या $a$ का एक खोखला बेलनीय -कोश है (चित्र देखिये) और दोनों अपरिमित लम्बे हैं। इनकी लम्बाई की दिशा में इनके एक समान धारा-घनत्व $J$ है। यदि बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $\frac{N}{12} \mu_0 a J$ है, तब $N$ का मान क्या है ?

  • [IIT 2012]

${r_1}$ तथा ${r_2}$ त्रिज्याओं की दो संकेन्द्री तथा समतलीय वृत्ताकार लूपों में धाराएँ क्रमश: ${i_1}$ तथा ${i_2}$ विपरीत दिशाओं में बह रही हैं (एक में दक्षिणावर्ती तथा दूसरी में वामावर्ती)। लूपों के केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण अकेले ${i_1}$ द्वारा उत्पन्न प्रेरण का आधा है। यदि ${r_2} = 2{r_1}$ हो तो ${i_2}/{i_1}$ का मान होगा