त्रिज्या $R$ की एक अचालकीय चकती के पृष्ठ पर आवेश $Q$ को एकसमान रूप से वितरित किया गया है। चकती कोणीय वेग $\omega$ से अपने केन्द्र से गुजर रही है और तल के लम्बवत् अक्ष पर घूर्णन कर रही है। इस घूर्णन के फलस्वरूप चकती के केन्ट्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का प्रेरण $B$ प्राप्त होता हैं यदि हम चकती पर रखे गये आवेश की मात्रा और इसके कोणीय वेग को नियत रखें और चकती की त्रिज्या में परिवर्तन करें, तब चकती के केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण का परिवर्तन निम्न चित्र द्वारा दर्शाया जाएगा
प्रदर्शित चित्र में ' $a$ ' त्रिज्या के दो कुचालक वृत्ताकर लूप $\mathrm{A}$ व $\mathrm{B}$ लिये गये है जिनमें '$I$' धारा वामावर्त दिशा में प्रवाहित होती है। केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण होगा :
चित्र में बिन्दु $\mathrm{P}$ पर चुम्बकीय क्षेत्र ज्ञात कीजिए। एक अर्द्धवृत्ताकार वक्र भाग दो सीधे लम्बे तारों से जुड़ा है।
$4 \pi$ मीटर लम्बाई के एक तार को मोड़कर एक $6$ भुजाओं का समबहुभुज बनया गया है। बहुभुज की भुजाओं से होकर बहने वाली धारा $4 \pi \sqrt{3}$ ऐम्पियर हो तो बहुभुज के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $x \times 10^{-7}$ टेस्ला होगा। $x$ का मान ___ है।
एक धारावाही लूप के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी