दो एक समान बेलनाकार पात्रों के आधार समान तल पर हैं तथा प्रत्येक पात्र का आधार क्षेत्रफल $A$ है। प्रत्येक पात्र में समान घनत्व $ \rho$ का द्रव अलग.अलग ऊँचाइयों $h_1$ तथा $h_2$ तक भरा हुआ है। यदि दोनों पात्रों को एक दूसरे से जोड़ दिया जाए तब दोनों पात्रों में द्रव का तल समान करने हेतु गुरुत्व द्वारा किया गया कार्य होगा
$({h_1} - {h_2})g\rho $
$({h_1} - {h_2})gA\rho $
$\frac{1}{2}{({h_1} - {h_2})^2}gA\rho $
$\frac{1}{4}{({h_1} - {h_2})^2}gA\rho $
एकसमान आंतरिक त्रिज्या की ऊध्र्वाधर $U-$ नली की दोनों भुजाओं में पारा भरा है। एक भुजा में ग्लिसरीन (घनत्व $= 1.3 g/cm^3$) $10 cm $ ऊँचाई तक व दूसरी भुजा में तेल (घनत्व $0.8 gm/cm^3$) भरा जाता है ताकि तेल का स्तर ग्लिसरीन स्तर के तुल्य हो जाए तो तेल स्तम्भ की ऊँचाई ........ $cm$ होगी (पारे का घनत्व $ = 13.6 g/cm^3$)
ताँबे के दो बर्तन $A$ एवं $B$ की तली का क्षेत्रफल समान है, किन्तु उनकी आकृतियाँ अलग-अलग है। किसी विशेष उभयनिष्ठ ऊंघूाई तक भरें जाने के लिए $B$ को जितने जल की आवश्यकता होती है, $A$ में उसके दोगुने आयतन का पानी आ सकता है। तो निम्नलिखित में से सही कथन है:
किसी स्थान पर $ g $ के मान में $2\%$ की कमी आ जाती है तो बेरोमीटर में पारे की ऊँचाई
किसी झील की तली में वायु का एक बुलबुला स्थित है, जिसकी त्रिज्या $ r $ है। तली से ऊपरी सतह की ओर जाने पर बुलबुले की त्रिज्या $2r $ हो जाती है। यदि वायुमण्डलीय दाब जल स्तंभ का $P$ सेमी है, तब झील की गहराई है
$500.0 \,m$ की ऊँचाई से पानी एक टर्बाइन शैफट (shaft) पर गिरता है, जो विद्युत पैदा करती है। $1.00 \times 10^9$ बाट्स शक्ति पैदा करने के लिए प्रति सेकंड ............. $m^3$ पानी गिरना चाहिए ? (मान लें कि परिबर्तन दक्षता $50 \%$ है और $g =10 \,m / s ^2$ )