एक गोलीय चालक जिसकी त्रिज्या $2$ मीटर है, को $120\, V$ तक आवेशित किया गया। इसे अब $6$ मीटर त्रिज्या वाले अन्य खोखले गोलीय चालक के अन्दर रख दिया गया है। बड़े गोले का विभव ......$V$ होगा
$20$
$60$
$80$
$40$
बिन्दु आवेश $100\,\mu C$ के कारण इससे $9$ मीटर की दूरी पर विद्युत विभव होगा
दो आवेशित अवरोधी गोलाकारों की त्रिज्या क्रमश: $20\,cm$ और $25\,cm$ है और दोनों पर समान वैद्युत आवेश $Q$ है। इन्हेंं तांबे के तार के साथ संयोजित किया गया है
एक स्थान पर विधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }=( Ax + B ) \hat{ i }$ है, जहाँ $E NC ^{-1}$ में तथा $x$ मीटर में है। नियतांकों के मान, $A =20 \,SI$ unit तथा $B =10 \,SI$ unit हैं। यदि $x =1$ पर विभव $V _{1}$ तथा $x =-5$ पर विभव $V _{2}$ है तो $V _{1}- V _{2}$ ......$V$ होगा ।
किसी निश्चित आवेश वितरण में, शून्य विभव वाले बिन्दुओं को एक वृत्त $S$ के द्वारा जोड़ा गया है। $S$ के अंदर स्थित बिन्दुओं के विभव धनात्मक हैं। तथा बाहर स्थित बिन्दुओं के विभव ऋणात्मक हैं। एक धनात्मक आवेश जो कि गति करने के लिये स्वतंत्र है, $S$ के अंदर रखा गया है
हाइड्रोजन परमाणु में, एक इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर $0.53 \times {10^{ - 10}}$ मीटर त्रिज्या की कक्षा में चक्कर लगाता है। इलेक्ट्रॉन की स्थिति पर नाभिक द्वारा उत्पन्न विद्युत विभव.........$V$ है