जेब में हाथ डाले हुआ एक व्यक्ति $10\, m/s$ के वेग से $50 \,m ​$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर फिसल रहा है। ऊध्र्वाधर से उसका झुकाव होगा

  • A

    ${\tan ^{ - 1}}\left( {\frac{1}{10}} \right)$

  • B

    ${\tan ^{ - 1}}\left( {\frac{3}{5}} \right)$

  • C

    ${\tan ^{ - 1}}(1)$

  • D

    ${\tan ^{ - 1}}\left( {\frac{1}{5}} \right)$

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$1 \,kg$ की एक वस्तु को धागे के एक सिरे से बाँधकर $0.1 \,m$ त्रिज्या के क्षैतिज वृत्त में $3$ चक्कर प्रति सैकण्ड की चाल से घुमाया जाता है, यदि गुरुत्वीय प्रभाव को नगण्य मानें, तब रेखीय वेग, त्वरण तथा धागे में तनाव का मान क्रमश: है।

कोई रेलगाड़ी बिना ढाल वाले $30\, m$ त्रिज्या के वृत्तीय मोड़ पर $54\, km\, h ^{-1}$ चाल से चलती है। रेलगाड़ी की संहति $10^{6}\, kg$ हैं। इस कार्य को करने के लिए आवश्यक अभिकेंद्र बल कौन प्रदान करता है ? इंजन अथवा पटरियाँ ? पटरियों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए मोड़ का ढाल-कोण कितना होना चाहिए ?

रेल्वे मोड़ पर बाहर की पटरी, अन्दर वाली पटरी से ऊँची होती है जिससे कि पटरियों द्वारा पहियों पर लगने वाला परिणामी बल

समान द्रव्यमान की दो वस्तुऐं ${R_1}$ तथा ${R_2}$ त्रिज्या वाली वृत्ताकार कक्षा में समान आवर्तकाल से गति कर रहीं हैं। उनके अभिकेन्द्रीय बलों का अनुपात होगा

एक मोटर-साइकिल चालक जब मुड़ता है, तो अपने वेग को दोगुना कर लेता है। तब उस पर बाहर की ओर लगने वाला बल हो जायेगा