रेल्वे मोड़ पर बाहर की पटरी, अन्दर वाली पटरी से ऊँची होती है जिससे कि पटरियों द्वारा पहियों पर लगने वाला परिणामी बल
क्षैतिज दिशा में भीतर की ओर बल का घटक होगा
ऊध्र्वाधर दिशा में होगा
अभिकेन्द्रीय बल को संतुलित करेगा
घट जायेगा
एक साईकिल सवार $100$ मी की त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर गतिशील है। यदि घर्षण गुणांक $0.2$ हो, तो उसकी वह अधिकतम चाल ....... $m/s$ होगी, जिससे वह तीक्ष्ण मोड़ लेते समय अन्दर की ओर न झुके
कंक्रीट मिक्सचर बनाने के लिये सीमेंट, रेत तथा रोड़ी को एक घूर्णीय बेलनाकार ड्रम में डाला जाता है। यदि ड्रम की घूर्णन-गति बहुत तेज हो तो संघटक ड्रम की दीवार से चिपके रहते हैं और मिक्सचर ठीक से नहीं बनता। यदि ड्रम की त्रिज्या $1.25 \;m$ है और इसकी धुरी क्षैतिज है, तब अच्छी तरह मिक्स होने के लिये जरूरी अधिकतम घूर्णीय-गति $rpm$ में है
$40 \mathrm{~m}$ त्रिज्या वाले किसी क्षैतिज वृत्ताकार पथ पर एक कार $20 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$ की स्थिर चाल से चल रही है। एक द्रव्यमानरहित रति रस्सी की सहायता से, एक गोलक, कार की छत से लटका है। रस्सी का ऊर्ध्व के साथ बना कोण होगा :- (यदि $\mathrm{g}=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2$ )
यदि कार के टायरों तथा सड़क के बीच घर्षण गुणांक $0.4$ हो तो सड़क के $30$ मीटर त्रिज्या वाले मोड़ पर कार की अधिकतम चाल ....... $m/sec$ होगी
एक कण नियत चाल $v$ से $R$ त्रिज्या के वृत्त में गति कर रहा है, यदि त्रिज्या को दोगुना कर दिया जाये, तब चाल वही बनाये रखने के लिये आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल होगा