किसी स्प्रिंग से लटका हुआ $m$ द्रव्यमान $2\, sec$ में एक दोलन पूर्ण करता है यदि द्रव्यमान में $2 \,kg$ की वृद्धि कर दी जाये तो आवर्तकाल में $1\, sec$ की वृद्धि हो जाती है। द्रव्यमान $m$ है .... $kg$
$1.6$
$3.9$
$9.6$
$12.6$
$K$ बल-नियतांक वाली एक आदर्श स्प्रिंग को छत से लटकाया गया है एवं $M$ द्रव्यमान का एक गुटका इसके निचले सिरे से जोड़ा गया है। द्रव्यमान $M$ को स्प्रिंग की सामान्य लंबाई से छोड़ने पर स्प्रिंग में अधिकतम खिंचाव होगा
समान स्प्रिंग् नियतांक $k$ वाली दो स्प्रिंगों को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है तथा बाद में समान्तर क्रम में जोड़ते हैं। यदि इनसे $m$द्रव्यमान का पिण्ड लटका है तो उनकी ऊध्र्वाधर दोलनों की आवृत्तियों का अनुपात होगा
$K$ और $2K$ बल नियतांक की दो स्प्रिंग एक द्रव्यमान से चित्रानुसार जुड़ी हैं। द्रव्यमान के दोलनों की आवृत्ति है
एक स्प्रिंग दोलक की आवृत्ति दोगुनी करने के लिए हमें
निम्नांकित चित्र स्प्रिंग तुला के निचले पलड़े पर रखे गये विभिन्न द्रव्यमानों $M$ तथा प्राप्त दोलन काल के वर्ग $T{^2}$ के मध्य है। ग्राफ में सरल रेखा का मूल बिन्दु से न निकलने का कारण हो सकता है