$\mathrm{r}$ त्रिज्या के एक वृत्ताकार पाश में $\mathrm{IA}$ धारा बहती है। वृत्ताकार पाश के केन्द्र तथा इसकी अक्ष पर पाश के केन्द्र से $\mathrm{r}$ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र का अनुपात है:
$1: 3 \sqrt{2}$
$3 \sqrt{2}: 2$
$2 \sqrt{2}: 1$
$1: \sqrt{2}$
दो वृत्ताकार कुण्डली $X$ एवं $Y$ में लपेटों की संख्या समान है एवं इनमें एकसमान धारा प्रवाहित हो रही है ये कुण्डलियाँ (चित्रानुसार) बिन्दु $O$ पर समान घनकोण अन्तरित करती है। छोटी कुण्डली $X$, कुण्डली $Y$ एवं बिन्दु $O$ के ठीक मध्य में स्थित है। यदि बिन्दु $O$ पर कुण्डली $Y$ के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $B_Y$ एवं $X$ के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $B_X$ हो तब
एक सर्पिलाकार कुण्डली में $N$ लपेटे हैं तथा आन्तरिक व बाह्य त्रिज्याएँ क्रमश: $a$ तथा $b$ हैं। जब कुण्डली में से $I$ धारा प्रवाहित की जाती है तब इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र है
$R$ प्रतिरोध एवं $r$ त्रिज्या की एकसमान चालक वलय की परिधि पर दो बिन्दुओं $A$ और $B$ के बीच एक बैटरी जुड़ी है। वलय, एक चाप $AB$ और केन्द्र पर कोण $\theta $ बनाती है। वलय में धारा के कारण केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण का मान है
एक सीधे तार का व्यास $0.5\, mm$ है एवं इसमें $1\, A$ की धारा बह रही है। यदि इसे $1\, mm$ व्यास वाले तार से प्रतिस्थापित कर दिया जाये जिसमें कि उतनी ही धारा बह रही है तार से बहुत दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता