प्रदर्शित चित्र में ' $a$ ' त्रिज्या के दो कुचालक वृत्ताकर लूप $\mathrm{A}$ व $\mathrm{B}$ लिये गये है जिनमें '$I$' धारा वामावर्त दिशा में प्रवाहित होती है। केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण होगा :
$\frac{\sqrt{2} \mu_0 I}{a}$
$\frac{\mu_0 I}{2 a}$
$\frac{\mu_0 I}{\sqrt{2} a}$
$\frac{2 \mu_0 I}{a}$
हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर $0.53\,{\mathop A\limits^o }$ की त्रिज्या में $6.6 \times {10^{15}}$ चक्कर प्रति सैकण्ड लगा रहा है। कक्षा के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान ......$wb/{m^2}$ होगा
एक इलेक्ट्रॉन एक प्रोटॉन के चारो ओर वृत्तीय मार्ग पर घूम रहा है। यदि वृत्तीय कक्षा की त्रिज्या $1\,\mathop A\limits^o $ एवं इलेक्ट्रॉन के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $16\, weber/m^2$ हो तब इसका कोणीय संवेग होगा
एक धारावाही लूप के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी
दो संकेन्द्री कुण्डलियाँ, जिनमें प्रत्येक की त्रिज्या $2\pi \,{\rm{ }}cm$ है, एक-दूसरे के लम्बवत् रखी हैं। इनमें से एक कुण्डली में $3$ ऐम्पियर तथा दूसरी में $4$ ऐम्पियर धारा प्रवाहित हो रही है। इन कुण्डलियों के केन्द्र पर बेवर प्रति मीटर$^2$ में चुम्बकीय प्रेरण होगा $({\mu _0} = 4\pi \times {10^{ - 7}}\,Wb/A.m)$
एक मीटर लम्बाई के तार मेंं एक अचर धारा प्रवाहित है। तार को मोड़कर एक वृत्ताकार कुण्डली बनाते हैं। कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $B$ है। इसी तार से न्यूनतम त्रिज्या की वृत्तीय कुण्डली बनाते हैं ताकि कुण्डली में चार फेरे हों। इस नई कुण्डली के केन्द्र पर अब चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा