निम्न में से कौन सा व्यंजक, बायो-सेवर्ट के अनुसार, चुम्बकीय क्षेत्र के परिमाण को व्यक्त करता है

  • A

    $\frac{{i\Delta l\sin \theta }}{{{r^2}}}$

  • B

    $\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\frac{{i\Delta l\sin \theta }}{r}$

  • C

    $\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\frac{{i\Delta l\sin \theta }}{{{r^2}}}$

  • D

    $\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}i\Delta l\sin \theta $

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एक $q$ आवेश, $r$ मीटर की त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर $n$ चक्कर प्रति सेकण्ड की चाल से गति करता है, तो वृत्त के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा

दो अनन्त लम्बाई के सीधे धारावाही चालक है और, नीचे दिये गये चित्रानुसार वे एक दूसरे पर लम्बवत् इस प्रकार रखे जाते हैं कि उनके उभयनिष्ठ सिरे मूल बिन्दु पर हों। दोनों चालकों में धारा का अनुपात $1: 1$ हैं। बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र है।

  • [JEE MAIN 2021]

किसी $R$ त्रिज्या के पतले छल्ले ( रिंग) पर $q$ आवेश समानरूप से विस्तारित (फैला) है। यह छल्ला अपनी अक्ष के परित: एकसमान आवृत्ति $fHz$ से घूर्णन करता है। तो इसके केन्द्र पर चुम्बकीय-प्ररेण का मान होगा:

  • [AIPMT 2011]

चिन्न में दशाए अनुसार किसी सीधे तार जिसमें $12 \,A$ विध्युत धारा प्रवाहित हो रही है, को $2.0 \,cm$ त्रिज्या के अर्धवृताकार चाप में मोड़ा गया है। इस चाप के केंद्र पर चंबकीय क्षेत्र $B$ को मानें।

$(a)$ सीधे खंडों के कारण चुंबकीय क्षेत्र कितना है?

$(b)$ किस रूप में अर्धवृत द्वारा $B$ को दिया गया योगदान  वृताकार पाश के योगदान से भिन्न है और किस रूप में ये एक दूसरे के समान हैं।

$(c)$ क्या आपके उत्तर में कोई परिवर्तन होगा यदि तार को उसी त्रिज्या के अर्धवृत्त में पहले की तुलना में चित्र $(b)$ में दर्शाए अनुसार उलटी दिशा में मोड़ दें।

लम्बाई $L$ के दो एकसमान चालक तारों में से एक को वृत्ताकार वलय की आकृति में लाया जाता है तथा दूसरे को $N$ एकसमान फेरों की वृत्ताकार कुंडली में मोड़ा जाता है। यदि दोनों से एक ही धारा प्रवाहित की जाती है, तो वलय तथा कुण्डली के केन्द्रों पर उपस्थित चुम्बकीय क्षेत्र, क्रमश: $B _{ L }$ तथा $B _{ C }$ हों, तब अनुपात $\frac{ B _{ L }}{ B _{ C }}$ होगा।

  • [JEE MAIN 2019]