चुम्बकीय पारगम्यता की इकाई है
ऐम्पियर/मीटर
ऐम्पियर/मीटर$^2$
हेनरी
हेनरी/मीटर
$R$ त्रिज्या के वृत्तीय चाप खण्ड में से $i$ धारा प्रवाहित हो रही है। यदि चाप खण्ड अपने केन्द्र पर $3\pi /2$ रेडियन का कोण बनाता है, तो इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा
एक मीटर लम्बाई के तार मेंं एक अचर धारा प्रवाहित है। तार को मोड़कर एक वृत्ताकार कुण्डली बनाते हैं। कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $B$ है। इसी तार से न्यूनतम त्रिज्या की वृत्तीय कुण्डली बनाते हैं ताकि कुण्डली में चार फेरे हों। इस नई कुण्डली के केन्द्र पर अब चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा
चालक तार से बने एक असमतलीय लूप में $I$ धारा प्रवाहित हो रही है। इसे चित्रानुसार रखा गया है। लूप के प्रत्येक सीधे भाग की लम्बाई $2\, a$ है। इस लूप के कारण बिन्दु $P$ $(a,0,a)$ पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा है
दिये गये चित्र में बिन्दु $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी
दो समकेंद्रिक वृत्ताकार कुंडलियाँ $X$ और $Y$ जिनकी त्रिज्याएँ क्रमशः $16\, cm$ एवं $10\, cm$ हैं, उत्तर-दक्षिण दिशा में समान ऊध्वाधर तल में अवस्थित हैं। कुंडली $X$ में $20$ फेरे हैं और इसमें $16 \,A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है, कुंडली $Y$ में $25$ फेरे हैं और इसमें $18\, A$ विध्यूत धारा प्रवाहित हो रही है। पश्चिम की ओर मुख करके खड़ा एक प्रेक्षक देखता है कि $X$ में धारा प्रवाह वामावर्त है जबकि $Y$ में दक्षिणावर्त है। कुंडलियों के केंद्र पर, उनमें प्रवाहित विध्यूत धाराओं के कारण उत्पन्न कुल चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण एवं दिशा ज्ञात कीजिए।