एक मीटर लम्बाई के तार मेंं एक अचर धारा प्रवाहित है। तार को मोड़कर एक वृत्ताकार  कुण्डली बनाते हैं। कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $B$ है। इसी तार से न्यूनतम त्रिज्या की वृत्तीय कुण्डली बनाते हैं ताकि कुण्डली में चार फेरे हों। इस नई कुण्डली के केन्द्र पर अब चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा

  • A

    $4 B$

  • B

    $16 B$

  • C

    $B/2$

  • D

    $B/4$

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दो समकेंद्रिक वृत्ताकार कुंडलियाँ $X$ और $Y$ जिनकी त्रिज्याएँ क्रमशः $16\, cm$ एवं $10\, cm$ हैं, उत्तर-दक्षिण दिशा में समान ऊध्वाधर तल में अवस्थित हैं। कुंडली $X$ में $20$ फेरे हैं और इसमें $16 \,A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है, कुंडली $Y$ में $25$ फेरे हैं और इसमें $18\, A$ विध्यूत धारा प्रवाहित हो रही है। पश्चिम की ओर मुख करके खड़ा एक प्रेक्षक देखता है कि $X$ में धारा प्रवाह वामावर्त है जबकि $Y$ में दक्षिणावर्त है। कुंडलियों के केंद्र पर, उनमें प्रवाहित विध्यूत धाराओं के कारण उत्पन्न कुल चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण एवं दिशा ज्ञात कीजिए।

किसी बिन्दु पर पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र $0.5 \times {10^{ - 5}}\,Wb{\rm{ - }}{m^{ - 2}}$ है। इस क्षेत्र को $5.0$ सेमी त्रिज्या वाले एक वृत्ताकार चालक लूप के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा निरस्त किया जाता है। तब लूप में प्रवाहित धारा ......$A$ होगी लगभग

  • [AIIMS 2003]

एक हेल्महोल्ज (Helmholtz) कुंडली में $N$ फेरों एवं $R$ त्रिज्या वाले दो पाश हैं (चित्र देखें)। उनको $R$ दूरी पर समाक्षीय रूप में रखा गया है और उनमें समान विघुत धारा $I$ एक ही दिशा में बहती है। केन्द्रों $A$ एवं $C$ के मध्य बिंदु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण होगा

  • [JEE MAIN 2018]

एक धारावाही चालक के एक धारा अल्पांश के कारण किसी बिन्दु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र के अधिकतम होने के लिए, अल्पांश एवं अल्पांश को बिन्दु से मिलाने वाली रेखा के बीच कोण .....$^o$ होना चाहिए

$PQRS$ समरूप चालक तार से बना हुआ एक वर्गाकार लूप है। चित्रानुसार बिन्दु $P$ पर धारा प्रवेश करती है तथा $S$ से बाहर निकलती है। तब चुम्बकीय क्षेत्र होगा